उफ पत्थरदिल सिस्टम:- करवा चौथ पर पति के शव के लिए डाक्टर के पैरों पर गिरी महिला,भर आई वहां मौजूद लोगों की आंखे

उत्तरा न्यूज डेस्क
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उत्तरा न्यूज डेस्क:- जनता के लिए काम करने का दावा करने वाला सिस्टम कान से बहरा व आंख से अंधा हो गया है पीड़ित यदि गरीब हो तो फिर वह एकदम पत्थर दिल ही हो जाता है, सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में सामने आई घटना ने फिर साफ कर दिया कि वक्ती दौर में गरीब होना सबसे बड़ा अभिशाप है| यहां एक महिला को करवाचौथ जैसे सुहागिनो के पर्व पर अपने पति का शव लेने डाक्टर के पैरों पर इसलिए गिरना पड़ा कि पति के उपचार के बिल की राशि भरने उसके पास पैंसे नहीं थे,अस्पताल के गेट पर जिसने भी इस दृश्य को देखा उसकी आंखे भर आई पूरा घटनाक्रम जानने के बाद मेडिकल काँलेज के प्राचार्य ने जरूर मानवता दिखा उसकी मदद की,इल महिला ने दो द्न से कुछ खाया पिया भी नहीं था|

आज पूरे देश मे सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है लेकिन उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक महिला ऐसी भी है जो आज यानि करवाचौथ के दिन अपने मृत पति के शव को लेने के लिए किसी के पैरों पर गिड़गिड़ाने को मजबूर हुई, अक्सर सुर्खियों में रहने वाला सुशीला तिवारी अस्पताल एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया|
मानवता को शर्मसार करने वाले इस मामले में एक महिला को अपने पति की लाश को लेने के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के पैर पर गिरना पड़ा। रुद्रपुर निवासी मोनिका वर्मा के पति उमेश एक एक्सीडेंट में घायल हो गए थे जिसके बाद उमेश को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया पैसे खत्म होने के कारण उमेश को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया, लेकिन देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, पता लगा है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में उमेश के इलाज का बिल 22000 रुपए हो गया था लेकिन महिला के पास पैसे नही थे, तब बिल को घटाकर 11000 रुपये कर दिया गया लेकिन मृतक की पत्नी मोनिका के पास एक पैसा भी नही बचा था और पति की मौत की खबर से वह पूरी तरह से टूट गयी थी, सुशीला तिवारी अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के शव को मोर्चरी में रखवा दिया और बिल के पैसे चुकता ना होने तक उसे शव देने से मना कर दिया जिसके बाद महिला मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सीपी भैसोड़ा के पास पहुंची और गेट के पास ही बैठ गई , जैसे ही प्राचार्य अपने ऑफिस में पहुंचे तो महिला ने उनके पैर पकड़ लिए और अपने पति की शव को देने के लिए गिड़गिड़ाने लगी, इस बीच कुछ लोग भी वहां पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने महिला की मदद के लिए कुछ पैसे भी दिए और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से गुहार लगाई कि उसके बिल को माफ किया जाए और पोस्टमार्टम कर उसके पति का शव उसे सौंप दिया जाए, तब जाकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने तुरंत महिला के पति के शव का पोस्टमार्टम कर एंबुलेंस से रुद्रपुर तक छोड़ने के निर्देश दिए जिसके बाद आगे की कार्यवाही की गई|