इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति ने रातों-रात अपने पोते को बना दिया अरबपति, दिया यह तोहफा

Smriti Nigam
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बताया जा रहा है कि बच्चा 10 नवंबर 2023 को पैदा हुआ था और अब वह एक अरबपति बन चुका है। बच्चे का नाम एकाग्रह रोहन मूर्ति है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एकाग्रह भारत का सबसे कम उम्र का अरबपति बच्चा है। दरअसल उसके दादा ने उसे अपनी कंपनी के अपने हिस्से में से कुछ शेयर ट्रांसफर कर दिए हैं। एकाग्रह के दादा का नाम न्याय नहीं नारायण मूर्ति है। इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने अपने पोते को इंफोसिस के 240 करोड रुपए के वैल्यू के शेयर गिफ्ट में दिए हैं।

एकाग्र रोहण मूर्ति के पास अब इंफोसिस के एकाग्रह 15,00,000 शेयर हैं। यह कंपनी के कुल शेयरों का 0.04 फीसदी है। एक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी सामने आई है। ट्रांसफर किए गए शेयरों के बाद नारायण मूर्ति के पास कुल शेयरों का 0.36 फीसदी हिस्सा (1.51 करोड़ शेयर) बचा है। पता चला है कि शेयरों का यह ट्रांसफर ‘ऑफ-मार्केट’ हुआ है।

क्या है एकाग्रह का मतलब?
पिछले साल नवंबर में नारायण और सुधा मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और उनकी पत्नी अपर्णा कृष्णन के घर एक बच्चा पैदा हुआ इसका नाम एकाग्रह रखा गया। बताया जा रहा है कि यह नाम महाभारत के अर्जुन के नाम पर रखा गया  किसी विशेष चीज पर ध्यान केंद्रित करने को एकाग्रह कहा जाता है।आपको बता दे कि इन्फोसिस की शुरुआत 1981 में 250 डॉलर से हुई थी और आज यह भारत के सम्मानित कंपनियों में से एक है। इसने कॉरपोरेट गवर्नेंस और धन सृजन को लोकतांत्रिक बनाने के लिए काफी प्रयास किया सुधा मूर्ति ने 250 के साथ इंफोसिस को आगे बढ़ाया।

25 वर्षों से अधिक समय तक इंफोसिस फाउंडेशन का नेतृत्व करने के बाद, मूर्ति दिसंबर 2021 में अपनी भूमिका से सेवानिवृत्त हो गईं और अपने परिवार के फाउंडेशन के माध्यम से धर्मार्थ प्रयासों पर काम करना जारी रखा। उन्होंने हाल ही में भारत के उच्च सदन राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली।