Uttarakhand- कौन जानता था डेढ़ माह पूर्व घर से निकले दिनेश अब कभी नहीं लौटेंगे, बृहस्पतिवार तक गांव पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर

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पिथौरागढ़। जम्मू कश्मीर के पहलगाम इलाके में मंगलवार को एक बस के गहरी खाई में गिरने से आईटीबीपी के जिन जवानों की शहादत हुई, उनमें एक पिथौरागढ़ के भुरमुणी गांव निवासी दिनेश सिंह बोहरा भी थे। मंगलवार की देर शाम परिवार को इसकी सूचना मिली। सूचना के बाद से परिवार गहरे सदमे में है और क्षेत्र में शोक की लहर है। कोई नहीं जानता था कि डेढ़ महीने पहले ही घर से गए दिनेश अब कभी नहीं लौटेंगे और उनकी शहादत की खबर ही आएगी।

दुर्घटनाग्रस्त हुई बस अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से लौट रहे जवानों को लेकर आ रही थी। मंगलवार देर शाम तक इस हादसे में 7 जवानों के शहीद होने और 32 अन्य के घायल होने की सूचना थी। बस हादसे की सूचना के काफी देर बाद मंगलवार देर शाम तक भी इसमें पिथौरागढ़ के ग्राम भुरमुणी निवासी दिनेश सिंह बोहरा के शहीद होने की पुटि आईटीबीपी ने नहीं की थी और न ही जवान के परिजनों को इसकी कोई जानकारी थी। इसके चलते जिला प्रशासन भी मामले की पुटि करने की स्थिति में नहीं था।

जानकारी के अनुसार रात में आधिकारिक पुटि के बाद आईटीबीपी ने भुरमुणी में परिजनों को इसकी सूचना दी, जिससे परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जिला मुख्यालय से लगभग 16 किमी दूर स्थित भुरमुणी निवासी दिनेश सिंह बोहरा उम्र 32 वर्षीय पिता पूरन सिंह बोहरा आइटीबीपी की चौथी बटालियन में थे और वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे। डेढ़ माह पूर्व ही छुट्टी बिताकर घर से ड्यूटी पर गए कांस्टेबल दिनेश सिंह की पत्नी का नाम बबीता बोहरा है।

उनकी एक तीन वर्षीय बेटी है। इसके अलावा परिवार में माता-पिता और एक छोटा भाई हैं। एक साल पूर्व तक दिनेश आइटीबीपी लोहाघाट में तैनात थे। जहां से उनका तबादल अरुणाचल प्रदेश हो गया था। अब उनकी शहादत की खबर से परिवार के साथ ही गांव शोक में डूबा है और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि शहीद दिनेश सिंह का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को उनके गांव पहुंचेगा।