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हिमालयी पक्षियों की विविधता देख रोमांचित हुई डब्लूडब्लूएफ (World Wide Fund for Nature) की टीम

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The WWF (World Wide Fund for Nature) team was thrilled to see the diversity of Himalayan birds

अल्मोड़ा, 21 जून 2022- गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा दिल्ली और अन्य क्षेत्रों से आए पर्यावरण प्रेमियों को उत्तराखण्ड के पक्षियों की जानकारी दी।
(diversity of Himalayan birds)

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World Wide Fund for Nature
World Wide Fund for Nature


इसके तहत कोसी क्षेत्र और रामनगर के जिम कार्बेट क्षेत्र को चुना गया। उत्तराखण्ड में पक्षी विविधता और इस क्षेत्र में पर्यटन रोजगार की संभावनाओं को भी देखा गया।

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पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत इनविस सचिवालय के अधीन विश्व वन्यजीव कोष भारत(World Wide Fund for Nature), द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम किए जा रहे हैं।


इसके अंतर्गत पक्षी पहचान एवं पक्षी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत इस क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को तलाशने में युवाओं के मध्य एक नई पहल की जा रही है।


बर्ड वाचिंग, बर्ड फोटोग्राफी से लेकर बर्ड प्रजाति से जुड़े अनुसंधानों के क्षेत्र में युवा लगातार इस पाठ्यक्रम के प्रति रूचि ले रहे हैं। इसमें नेचर टूरिज्म की संभावनाओं को भी बल मिल रहा है।
इसी संदर्भ में देश के बहुप्रचलित बाघ संरक्षण केन्द्र जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान रामनगर, नैनीताल, उत्तराखण्ड में पर्यावरण की चुनौतियों को समझने हेतु इनविस स्टॉफ एवं विषेषज्ञों ने मोहन गांव भाखडा़कोट नदी तक प्रकृति भ्रमण पर ले जाया गया।

इस भ्रमण के दौरान विभिन्न पक्षी एवं पशु प्रजातियों का अवलोकन करना, तथा प्रकृति एवं बीजों के प्रकीर्णन में पशु-पक्षियों का योगदान तथा कोसी बैराज से टेढ़ा गांव सीतावनी मार्ग तथा गर्जिया देवी मंदिर से झूला पुल कोसी नदी तक टीम को भ्रमण कराया गया।


प्रशिक्षक सौरभ करगेती एवं रंजीत द्वारा सभी पक्षियों व जीवों के पारिस्थितिक महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। इसमें डॉ0 अंकिता सिन्हा, परियोजना वैज्ञानिक, जी.बी.पी.एन.आई.एच.ई. कोसी अल्मोड़ा द्वारा पश्चिमी हिमालय के पक्षी पहचान, विविधता एंव संरक्षण विषय पर जानकारी दी ।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों के बाघों के आवास के विभिन्न परिदृश्य एवं पारिस्थितक तंत्र में इनके योगदान आदि को समझने हेतु सफारी भ्रमण का आयोजन किया गया। इस दौरान 05 दुर्लभ, कुल 60 पक्षी प्रजातियों का अवलोकन एवं प्रशिक्षणार्थियों द्वारा इनकी सूची भी तैयार की गयी।


इस कार्यक्रम में डॉ0 जी. अरेन्द्रन निदेशक विश्व वन्यजीव कोष, भारत की टीम के सदस्य राजीव कुमार कार्यक्रम अधिकारी, संदीप सूचना अधिकारी आदि सम्मिलित थे।