अब अमेरिका का यह बड़ा बैंक डूबा, गहराया अमेरिका पर संकट, रिपब्लिक फर्स्ट बैंक बंद

Smriti Nigam
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दुनिया का सुपर पावर कहलाने वाला अमेरिका अब काफी संकट में है। अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम लगातार आईसीयू की ओर बढ़ रहा है। एक के बाद एक बैंक दिवालिया हो रहे हैं। बीते साल अमेरिका के पांच बैंक डूब गए थे।

US Banking System: दुनिया में सबसे ताकतवर देश कहलन वाला अमेरिका अब काफी खराब हालत में है। अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम लगातार डूबता जा रहा है। एक के बाद एक बैंक बंद हो रहे हैं। इसके पहले साल अमेरिका के पांच बैंक दिवालिया हो गए थे। साल 2023 में अमेरिका के सिलिकॉन वैली, सिग्नेचर बैंक और फर्स्ट रिपब्लिक जैसे बैंकों को बंद करना पड़ा। वहीं साल 2024  में अमेरिका का रिपब्लिक फर्स्ट बैंक बंद हो गया। अमेरिकी रेगुलेटर्स ने रिपब्लिक फर्स्ट बैंक की कमान फुल्टन बैंक ( Fulton Bank) को बेच दिया है।

डूब गया अमेरिका का एक और बैंक 

दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका में फिर से बैंकिंग क्राइसिस शुरू हो गया है। अप्रैल के आखिरी हफ्ते में अमेरिकी पब्लिक फर्स्ट बैंक बिक गया। अमेरिकी रेगुलेटर ने इस बैंक की कमान अपने हाथों में लेकर इसको बेच दिया। अमेरिका के फेडरल डिपोजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने बैंक के फुलटन फाइनेंशियल कॉरपोरेशन की यूनिट फुलटन बैंक के हाथों इसे बेचा है।

अमेरिका में बैंकिंग संकट

बीते साल अमेरिका में रीजनल बैंकिंग संकट के कारण 5 बैंक डूब गए थे। इसके बाद से ही रीजनल बैंकों पर दबाव बनने लगा था। इसका पहला शिकार फिलाडेल्फिया का पब्लिक फर्स्ट बैंक बना। फुलटन बैंक को इसके सारे एसेट्स , सारे अकाउंट्स ट्रांसफर किए जाएंगे। रिपब्लिक फर्स्ट बैंक के पास कुल छह अरब डॉलर का एसेट्स और चार अरब डॉलर का डिपॉजिट है. बैंक की 32 ब्रांच हैं।  इन सब का नियंत्रण अब फुल्टन बैंक के पास चले जाएंगे।बैंक के ग्राहक अब फुल्टन बैंक को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।

क्यों डूबा बैंक 

बीते साल अमेरिका में जहां 5 बैंक डूबे तो वहीं इस साल की शुरुआत रिपब्लिक फर्स्ट बैंक से हुई है। अमेरिका में केंद्रीय बैंकों ने लोगों को ईजी मनी और भारी लिक्विडिटी का आदी बना दिया था लेकिन अब महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए सारी पॉलिसीज को काफी सख्त बना रहे हैं, जिसकी वजह से अमेरिकी में फाइनेंशियल सिस्टम में संकट पैदा हो रहा है।

साल 2022 में अमेरिकी बैंकों को 620 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से जिस तरह से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा रही है, उससे बैंकों की हालात और खराब हो रही है। बैंकों का नुकसान बढ़ता जा रहा है। लोग बैंक से पैसा निकाल रहे हैं तो उच्च ब्याज दर के चलते लोन बांटने में मुश्किल हो रही है। अमेरिका का बैंकिंग सिस्टम मुश्किल वक्त से गुजर रहा है।