सीमांत के बुनकर सीखेंगे कालीन बनाने की नई विधा, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद सिखाएगी नई कला

उत्तरा न्यूज डेस्क
2 Min Read

new-modern

धारचूला| क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री अजय टमटा के प्रयासो से पहली बार सीमांत के बुनकर कालीन की नयी विधा को सीखेंगे.भारत ही नहीं दुनिया में कालीन का बाजार तैयार करने वाली कालीन निर्यात संवर्धन परिषद इस बार यहां के चुनिंदा बुनकरों को नये रंग, नये डिजाईन के साथ कालीन की नव कला से भिज्ञ करायेगी| आज केन्द्रीय मंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी ने इसका उद्घाटन किया| भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की विंग कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ( सी.ई.पी.सी.) धारचूला की चालीस बुनकरो को तीन माह का प्रशिक्षण देगी| निफ़्ट के योग्य डिजानियर बुनकरो को प्रशिक्षित करेंगे| पांच माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में एक माह सर्वे, एक माह ईवेंट, तीन माह प्रशिक्षण किया जाना नियत किया गया है| प्रशिक्षण के लिए आज पहले दिन साठ बुनकरो ने आवेदन किया है|अभी आवेदन जारी है| वस्त्र मंत्रालय की एक टीम इनमें से चालीस महिलाओं का चयन करेगी|पालिका अध्यक्ष राजेश्वरी देवी ने कहा कि पहली बार धारचूला का चयन हुआ है. यह क्षेत्र के लिए खुशी की बात है|कहा कि पुराने डिजाईन व रंगो के सही तालमेल नहीं होने के कारण हमारे कालीन को देश व विदेश के बाजार में जगह नहीं मिल पा रहा थी.इस नयी तकनीकी से बुनकरो की कला में नया पन आयेगा.इससे इनके घरो में खुशहाली आयेगी| निफ़्ट के डिजानियर भारत नेपाल तिब्बत की साझी संस्कृति की झलक दिखने वाले डिजाईन को आकार देंगे| इस मौके पर पूर्व सभाषद राधा मर्तोलिया,भाजपा महिला मौर्चा की नेता उर्मिला कुटियाल, उर्मिला डाबरा, किरन, देवेन्द्र आदि मौजूद थे|