कुमाऊँ में जंगलों की आग बेक़ाबू, 36 दिनों में 482 घटनाएँ

उत्तरा न्यूज टीम
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उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में जंगलों की आग बेक़ाबू होती जा रही है। पिछले 36 दिनों में आग लगने की 482 से ज़्यादा घटनाएँ हो चुकी हैं जिनमें सैकड़ों हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। जंगल की आग बुझाने में नाकाम सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

बता दें, कुमाऊँ मंडल में जंगलों में आग लगने की घटनाएँ नवंबर 2023 में ही शुरू हो गई थीं लेकिन तब इनकी संख्या कम थी। बर्फ़बारी और बारिश न होने की वजह से जंगल सूखे रह गए जिससे आग तेज़ी से फैल रही है। नवंबर 2023 से एक अप्रैल 2024 तक कुमाऊँ में जंगल की आग की सिर्फ़ 9 घटनाएँ सामने आई थीं लेकिन इसके बाद आग लगने की घटनाओं में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ और छह मई तक इनकी संख्या बढ़कर 482 हो गई। इन घटनाओं में 663 हेक्टेयर से ज़्यादा वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया है।

जंगल की आग बुझाने के लिए अप्रैल महीने में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई थी जिसने नैनीताल ज़िले में पानी का छिड़काव किया था। इसके अलावा नैनीताल वन प्रभाग में आग बुझाने के लिए NDRF की टीम भी पहुँची थी। फ़ॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी के प्रशिक्षु रेंजरों को भी आग बुझाने के काम में लगाया गया था।

वन मुख्यालय ने जंगल की आग पर क़ाबू पाने के लिए हर ज़िले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। नवंबर 2023 के बाद से अब तक पूरे राज्य में आग लगने की 930 घटनाएँ हो चुकी हैं जिनमें गढ़वाल मंडल में 365, कुमाऊँ मंडल में 491 और वन्यजीव क्षेत्रों में 74 घटनाएँ शामिल हैं। इन घटनाओं में 1196.48 हेक्टेयर से ज़्यादा वन क्षेत्र तबाह हो चुका है।