सीबीआई (CBI) ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त के आरोप में मुक़दमा(FIR) दर्ज कर लिया हैl
सीबीआई की ओर से साल 2016 में हरीश रावत(harish rawat) के ख़िलाफ़ बगावत कर उनकी सरकार गिराने और स्टिंग किए जाने के मामले में त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत व स्टिंग (Sting) में शामिल टीवी पत्रकार उमेश शर्मा और अन्य अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी मुक़दमा दर्ज किया गया है|
मालूम हो कि नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने पिछले माह को सीबीआई को इस मामले में एफ़आईआर दर्ज करने की छूट दी थी|
एफ़आईआर के अनुसार 18 मार्च, 2016 को उत्तराखंड विधानसभा में वित्त विधेयक पेश होने के बाद कांग्रेस के बागी विधायक बीजेपी विधायकों के साथ एक चार्टर्ड प्लेन से गुड़गांव पहुंच गए| वहां हरीश रावत को फंसाने का ताना-बाना बुना गया|
इसके बाद उमेश शर्मा देहरादून एयरपोर्ट के वीआईपी लॉंज में हरीश रावत से मिले और उनके साथ हुई बातचीत अपने मोबाइल फ़ोन से रिकॉर्ड कर ली| सीबीआई की एफ़आईआर में इस रिकॉर्ड किए गए वीडियो का ब्यौरा है|
इस वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत टीवी चैनल के सीईओ उमेश कुमार और अन्य अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुक़दमा दर्ज किया जा रहा है|