Almora: महिला संसाधन केन्द्र बना ग्रामीणों की आजीविका (livelihood)का केन्द्र

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Women Resource Center became the center of livelihood of the villagers

अल्मोड़ा, 13 जून 2022- अल्मोड़ा जनपद के स्याल्दे विकास खण्ड में स्थित ग्राम जैराज में बना महिला संसाधन केन्द्र महिलाओं के साथ ही ग्रामीणों की आजीविका संवर्द्धन (livelihood)की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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महिलाओं द्वारा फल प्रसंस्करण, बकरी पालन, कंपोस्ट पिट, मुर्गी पालन आदि का कार्य किया जा रहा है।

इस केन्द्र में महिलाओं द्वारा जूस, जैम, आचार, मडुवे के बिस्कुट अदि का उत्पादन कर उसे रामनगर से लेकर दिल्ली तक बेचा जा रहा है। इसके लिए उनके द्वारा “उत्पादक एवं संरक्षण समिति” बनाई गयी है। इसके अलावा मुर्गीपालन, बकरीपालन, मशरूम उत्पादन, मत्स्य पालन, सब्जी उत्पादन जैसे तमाम काम गांव में किये जा रहे हैं।

महिला संसाधन केन्द्र की शुरूआत लोक प्रबंध विकास संस्था अल्मोड़ा द्वारा वाइज देहरादून के तकनीकी सहयोग एवं आईसीआईसीआई फाउण्डेशन के वित्तीय सहयोग से 2 वर्ष पूर्व लॉकडाउन के समय की गयी थी।


जैराज में महिला संसाधन केन्द्र का निर्माण कर ग्रामीणों को तमाम तरह के प्रशिक्षण देने के साथ ही आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये गये। आज इस केन्द्र का संचालन महिलाओं के समूह द्वारा बखूबी किया जा रहा है। केन्द्र के बनने से आस-पास के ग्रामीणों को उनके फलों का बाजार मिल गया है।

यही नहीं दूर दराज के ग्रामीण भी अपने फलों को केन्द्र में लाकर जूस, आचार बनवाकर ले जा रहे हैं। जैराज के साथ ही उसके आस-पास के गांवों में भी संस्था द्वारा कई आयवर्द्धक (livelihood)गतिविधियाँ चलाई गयी है।


यहां विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के तकनीकी से 2 एलडीपीई टैंक बनाये गये हैं, जिनमें मछली पालन किया जा रहा है। 2 परिवारों द्वारा मुर्गीपालन तथा 10 परिवारों द्वारा बकरीपालन किया जा रहा है।

मशरूम उत्पादन हेतु एक विजनेश मांडल हट बना है। फल उत्पादन हेतु बगीजा तैयार किया जा रहा है। ईधन के बचत हेतु दक्षचूल्हा व बायोगीजर का उपयोग ग्रामीणो द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा 5 बायोगैस सयंत्र लगाये गये हैं।

उत्पादक एवं संरक्षण समिति की अध्यक्ष ज्योति रावत का कहना है कि महिला संसाधन केन्द्र के बनने से महिलांए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ी हैं। अब ग्रामीणों को फलों की बिक्री हेतु बाजार की तलाश नहीं करनी पड़ती है। झगरूखत्ता गांव की सविता ने कहा कि उनके क्षेत्र में यह पहला काम है, जहां महिलाओं को अपने ही गांव में स्वयं का रोजगार (livelihood)का अवसर मिला है।

लोक प्रबंध विकास संस्था के सचिव ईश्वर जोशी ने बताया कि कोरोना काल में प्रारम्भ की गयी यह परियोजना प्रवासी ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने में काफी मददगार साबित हुई हैं। उनका मानना है कि यह केन्द्र महिलाओं के साथ ही आस पास के ग्रामीणों की आजीविका वृद्धि की दिशा में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा ।

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