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उपनल कर्मचारियों का वर्ष 2019 के बाद से नहीं बढ़ा वेतन, सरकार कर रही उपेक्षा: प्रदेश महामंत्री

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देहरादून। उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) से संविदा पर कार्यरत 22 हजार कर्मचारियों को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार से मानदेय बढ़ोतरी की आशा थी परन्तु ऐसी कोई घोषणा सरकार ने नहीं की। मानदेय बढ़ोतरी की आस लगाए उपनल कर्मियों का कहना है कि वर्ष 2019 के बाद से आज तक मानदेय में वृद्धि नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों को 10 से 12 हजार रुपये के मानदेय पर गुजारा करना पड़ रहा है।

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उपनल कर्मचारी संगठन के उपाध्यक्ष पूरन भट्ट ने कहा कि जिस प्रकार से सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता के आदेश जारी किए गए हैं, ठीक उसी प्रकार संविदा कर्मचारियों के लिए भी प्रतिवर्ष महंगाई सूचकांक के आधार पर मानदेय में वृद्धि करनी चाहिए।

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संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रमोद गुसाई ने बताया कि पिछले 17 वर्षों से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को बहुत कम मानदेय मिल रहा है, जबकि उन्हीं पदों में कार्यरत नियमित सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 गुना अधिक वृद्धि हुई है, जबकि दोनों एक जैसा कार्य कर रहे हैं। मानदेय बढ़ोतरी नहीं होने से कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष है। उन्होंने सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग भी की है।