गुडलक:-परीक्षा को न समझें तनाव शांत मन से दें परीक्षा

उत्तरा न्यूज डेस्क
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डेस्क :- बोर्ड परीक्षाएं आते ही छात्र छात्राओं में तनाव छाने लगता है, घर व समाज का दबाब सबसे आगे रहने व अभिभावकों की हाई स्कोर करने की अनंतहीन ईच्छा के चलते बच्चे तनावग्रस्त रहने लगते हैं।
 बेहतर करने का दबाव, खुद को साबित करने का दबाव उन्हें भीतर ही भीतर परेशान करने लगता है। कई बार वे चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। ऐसे में जरूरत है कि पैरंट्स अपने बच्चों के व्यवहार पर नजर बनाए रखें। उनके साथ सख्ती से न पेश आकर, उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें और शांतिपूर्वक उनका समाधान करें।
याद रखे कि हमारी परीक्षा प्रणाली एेसी बनी है कि साल भर की पढ़ाई की मूल्यांकन मात्र तीन घंटे में किया जाता है, बच्चे ने उत्तर में क्या लिखा है केवल इसका मूल्यांकन होता है एेसे में परीक्षा देने वाले को यदि किसी भी प्रकार का दबाव हुआ तो इसका असर उसके प्रदर्शन पर पड़ सकता है |

यदि माता पिता यदि बच्चे को थोड़ा सा पाँजीटिव वे में समझाने की कोशिश करें तो इससे न सिर्फ उनके व्यवहार में बदलाव आएगा, बल्कि उनमें सकारात्मक ऊर्जा भी आएगी।

ऐसे दूर होगा तनाव

परीक्षा के दौरान छात्रों को इन बातों का खयाल रखना चाहिए छात्रों को जितना हो सके उतना ही पढ़ना चाहिए। सिलेबस पूरा करने के चक्कर में नहीं रहना चाहिए, बल्कि जितना पढ़ा हो उसे पक्का करने पर जोर देना चाहिए। परीक्षा के दौरान पेपर देखकर घबराएं नहीं, बल्कि जो सवाल अच्छे से आते हों, उनके जवाब पहले लिखें। अच्छी तरह आने वाले प्रश्न का उत्तर सबसे पहले व अच्छी तरह दें, जो प्रश्न जितने अंकों का है उसी के अनुसार उसका उत्तर दें, जरूरी स्थानों पर चित्रों से बेहतर समझा सकते हैं,

परीक्षा के दौरान छात्रों को अपनी डायट और नींद का भी खयाल रखना चाहिए। 8 घंटे की नींद छात्रों के लिए बेहद जरूरी होती है। तनाव से दूर रहने में भी मददगार होती है।

कुछ ही दिनों की बात है परीक्षार्थियों को इन दिनों फोन, कंप्यूटर, गैजट्स के साथ ज्यादा समय नहीं बिताना चाहिए। सोने से पहले इनसे बिल्कुल दूर रहना चाहिए।
एक और नेचुरल टाँनिक लगातार पढ़ाई करने के बाद 30 मिनट का ब्रेक भी बेहद जरूरी है, हमें उम्मीद है कि आपकी मेहनत रंग लाएगी, जिसमें तनाव के बजाय नए भविष्य की नई गाथा होगी, सभी परीक्षार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएँ |