अभी अभीचम्पावत

चम्पावत:: राष्ट्रीय प्रेस दिवस(National Press Day) पर आयोजित हुई गोष्ठी

Screenshot 2023 1116 202326

खबरें अब पाए whatsapp पर
Join Now

Champawat: Seminar organized on National Press Day

चम्पावत 16 नवंबर 2023- राष्ट्रीय प्रेस दिवस(National Press Day) के अवसर पर जिला सूचना कार्यालय सभागार में वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त पांडेय की अध्यक्षता में राष्‍ट्रीय प्रेस दिवस 2023 के विषय कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया के रूप में गोष्ठी का आयोजन हुआ।


इस अवसर पर सभी सम्मानित पत्रकारों द्वारा कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया विषय पर चर्चा की गई व अपने विचार प्रस्तुत किये गए।


जिला सूचना अधिकारी गिरिजा शंकर जोशी ने गोष्ठी में उपस्थित सभी पत्रकार बंधुओं का स्वागत करते हुए अपने विचार रखते हुए कहा कि मशीनों के इस युग मे मशीनों द्वारा ही कार्य हो रहा हैं। एक ओर जहां यह लाभदायक है तो एक ओर यह नुकसानदायक भी हैं।


आज के समय मे हम हर प्रकार से इस पर निर्भर होते जा रहे हैं। दुनिया भर के विभिन्न मीडिया संस्थानों और समाचार एजेंसियों में अब कंप्यूटर का एक खास उपयोग हो रहा है।


खेल, मौसम, कॉरपोरेट कंपनियों के प्रदर्शन जैसे विषयों को कंप्यूटर के भरोसे छोड़ दिया गया है। हैरानी की बात है कि कई मामलों में पत्रकारों की अपेक्षा कंप्यूटर का काम अधिक व्यापक होता दिख रहा है।

 National Press Day


कहा कि कई बार एक पत्रकार की खबर किसी एकल-स्रोत पर आधारित होती है। जबकि कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर विभिन्न स्रोतों से डेटा आयात करके खबरों को प्रस्तुत कर रहा हैं।
पत्रकार हरीश पांडेय ने कहा कि कृतिम मेधा से जो लेख प्रकाशित हो रहे हैं उनमें सच्चाई से अधिक फर्जी खबरें भी हैं। पत्रकार गिरीश बिष्ट ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) रिपोर्टर रखा गया है जो राष्ट्रीय चेनल में खबरें बताता हैं। इसके अतिरिक्त सन्तोष जोशी,सूरी पंत, बीसी जोशी, दिनेश चंद्र पांडेय ने उक्त विषय पर अपने अपने विचार रखें। रितिक भण्डारी ने कहा कि AI के इस दौर में पत्रकारों ले लिए जिम्मेदारी बढ़ गयी हैं। हमे बढ़ती फर्जी खबरों को पहचानना होगा। पत्रकार चंद्रशेखर जोशी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया उद्योग एआई से बहुत प्रभावित हुआ है, चाहे वह समाचार, फिल्में, संगीत, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से सूचना का प्रसार हो। मेटाडेटा की टैगिंग ने पत्रकारिता को डेटा-संचालित और प्रभावी बना दिया है, हमें फेक न्यूज़ और फैक्ट न्यूज़ में अंतर रखने की आवश्यकता हैं। गोष्ठि की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त पांडेय ने उक्त विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संभावित दुरुपयोग या अनपेक्षित परिणामों के बारे में चिंताओं ने मानकों की जांच और विकास के प्रयासों को प्रेरित किया है। साथ ही पत्रकारिता को भी प्रभावित किया हैं। इस अवसर पर जनपद मुख्यालय के पत्रकार उपस्थित रहे।

Related posts

असम के मुख्यमंत्री ने सिलचर का दौरा किया, बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की

Newsdesk Uttranews

अल्मोड़ा— शिक्षक की मेहनत को सलाम, प्रिंस ने पाया मुकाम,इंटरमीडिएट में किया शानदार प्रदर्शनOrphan

Newsdesk Uttranews

एसएसजे परिसर में क्लीन कैंपस-ग्रीन कैंपस अभियान (Clean campus-green campus campaign) में आई तेजी