पानी पंचायत ने पिथौरागढ़ में पेयजल संकट को लेकर जताया आक्रोश

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़ में पेयजल संकट को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन : आंदोलन की दी चेतावनी

पिथौरागढ़। यहा विभिन्न संगठनों द्वारा पानी पंचायत का आयोजन कर शीतकाल में भी गंभीर पेयजल संकट पर आक्रोश व्यक्त किया गया। टकाना स्थित रामलीला मैदान में विभिन्न संगठनों द्धारा आयोजित पंचायत के बाद लोगों ने आंवलाघाट पेयजल पंपिंग योजना का लाभ दिये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा है कि लोगों में आशंका गहरा रही है कि करीब 80 करोड़ लागत की इस योजना को कहीं असफल न कर दिया जाए।

 

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मंगलवार को जनमंच के संयोजक भगवान सिंह रावत, आंरभ स्टर्डी सर्किल के कार्यकर्ताओं तथा छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश जोशी आदि के नेतृत्व पानी पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि चार पंपिंग योजनाएं होने के बावजूद सोर घाटी में पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है। दूसरी ओर पेयजल संकट झेल रहे नगर के लोगों को थरकोट झील निर्माण आदि के नाम पर बरगलाया जा रहा है। ग्रीष्मकाल शीतकाल में यह निरंतर सूखती जा रही है। कहा कि गाड़, लघु नदी का पानी एकत्र होनेे तक सड़ जाएगा, जिस पर पुनर्विचार किये जाने की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि जनता ने डबल इंजन की सरकार दी लेकिन पानी जैसे बुनियादी मसलों पर सिर्फ आश्वासन ही मिले। कहा कि समस्या जल्द हल नहीं हुई तो पेयजल के लिए जनांदोलन किया जाएगा।

80 करोड़ लागत की आंवलाघाट पेयजल योजना को लेकर भी शंका

पिथौरागढ़। ज्ञापन में कहा गया कि करीब 80 करोड़ की लागत वाली आंवलाघाट पेयजल योजना में सूचनाधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 तक 70 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया था। वहीं पिछले दो वर्षों से योजना का कार्य रुका हुआ है। प्रस्तावित क्षेत्रों में टैंकों, ओवरहेड टैंकों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। यही नहीं नई कालोनियों में पेयजल लाइन और पुरानी पेयजल लाइनों को भी नहीं बदला गया है। गौरतलब है कि आंवलाघाट पेयजल पंपिंग योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही किया था, लेकिन तब से स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। पानी पंचायत में जनमंच के सह संयोजक सुबोध सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष मदन मोहन जोशी, एडवोकेट अजय बोहरा और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत समेत अनेक लोग मौजूद थे।