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उत्तराखंड— नाबालिग से दुराचार (Minor misconduct) के आरोपी को 11 साल की सजा, 35 हजार रुपये का अर्थदंड

Newsdesk Uttranews
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बागेश्वर, 10 नवंबर 2020
नाबालिग से दुराचार (Minor misconduct) के आरोपी को विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने 11 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है साथ ही अलग—अलग धाराओं में 35 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

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अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने न्यायालय को बताया कि इसी वर्ष बीते 24 अप्रैल को अभियुक्त रिंकू उर्फ राधे निवासी नेपाल एक नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले गया।

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परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने किशोरी की खोजबीन शुरू की। 27 अप्रैल को पुलिस ने अभियुक्त रिंकू को जल्थाकोट में चमड़थल के समीप दबोच लिया और पीड़िता भी अभियुक्त के साथ मिली।

अभियुक्त के खिलाफ के खिलाफ धारा 363, 366 क, 376, 120 आइपीसी व पोक्सो अधिनियम में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने अभियुक्त को रिमांड में लेकर उसे जिला कारागार अल्मोड़ा भेजा था। (Minor misconduct)

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विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने बताया कि विशेष न्यायालय में 10 गवाह परीक्षित कराए गए। अभियुक्त का डीएनए भी मैच हो गया। मामले में सह अभियुक्त राजेंद्र सिंह वर्तमान में फरार चल रहा है। उसके घर की नीलामी हो चुकी है।

विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त को धारा 363 में 5 वर्ष का कठोर कारवास, 5 हजार रुपये का अर्थदंड, 366 ए में 7 वर्ष का करावास और 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। (Minor misconduct)

धारा 120बी में 5 वर्ष का कठोर करावास और 5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जुर्माना नहीं देने पर एक माह का अतिरिक्त करावास भोगना होगा। लैंगिक अपराधों के संरक्षण में धारा 6 में 11 वर्ष का कठोर करावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 2 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। (Minor misconduct)

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