shishu-mandir

Uttarayani parv: अल्मोड़ा के कटारमल सहित विभिन्न स्थानों पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

editor1
3 Min Read

new-modern
gyan-vigyan

Uttarayani parv: Cultural programs held at various places including Almora’s Katarmal

अल्मोड़ा, 14 जनवरी 2023 – ज़िला प्रशासन द्वारा पर्यटन विभाग के माध्यम से उत्तरायणी कौतिक (Uttarayani parv)के अवसर पर कटारमल सूर्य मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

saraswati-bal-vidya-niketan
Uttarayani parv: Cultural programs held at various places
Uttarayani parv: Cultural programs held at various places


सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन कनिष्ठ प्रमुख ब्लॉक हवालबाग नरेन्द्र कुमार, प्रधान व पूर्व प्रधान कटारमल ने दीप जलाकर किया।


सांस्कृतिक कार्यक्रमो के अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई। स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों ने उत्तराखंडी नृत्य व लोक गीतों का आनंद लिया। सूर्य मंदिर कटारमल का प्रदीपन भी पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है जो अत्यंत ही मनमोहक है।


पर्यटन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न जिलों में उत्तरायणी पर्व जिसे घुघुतिया त्योहार भी कहा जाता है मनाया जा रहा है। उत्तरायणी पर्व के अवसर पर भक्ति संगीतमय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

पर्यटन विभाग द्वारा उत्तरायणी कौतिक के अवसर पर कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा में प्रातः आरती व पूजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उदघाटन कनिष्क प्रमुख ब्लॉक हवालबाग नरेन्द्र कुमार, प्रधान व पूर्व प्रधान ग्राम कटारमल ने द्वीप प्रज्वलन कर किया ।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत बेडू पाको बारामासा, हे मधु, मॉडल कुमाऊं, उत्तरायणी कौतिक लागिरो जैसे लोकगीतों पर स्थानीय कलाकारों द्वारा सुन्दर प्रस्तुतियां दी। इस मौके पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों ने उत्तराखण्डी नृत्य व लोकगीतों का आनंद लिया। इस मौके पर सूर्य मंदिर कटारमल का प्रदीपन भी विभाग द्वारा किया गया है जो अत्यंत ही मनमोहक है।

वहीं उत्तरायणी पर्व सम्पूर्ण कुमाऊं का प्रसिद्व मेला है। बागेश्वर में इस अवसर पर प्रातः काल से ही दूर-दूर से श्रद्धालुओं, भक्तजनों ने आकर मुंडन, जनेंऊ संस्कार, स्नान, पूजा अर्चना की। मान्यता है कि वर्ष में सूर्य देव छः माह दक्षिणायन में व छः माह उत्तरायण में रहते हैं। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते है। इस समय संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। इस मौके पर मेले में बाहर से आये कलाकारों द्वारा विशेष नाटाकों व स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन किया।

उत्तरायणी पर्व के अवसर पर टिहरी में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस्कॉन के अनुयायियों को आमंत्रित किया गया जिनके द्वारा आध्यात्मिक भक्ति संगीतमय प्रस्तुति दी गयी। इस मौके पर देवप्रयाग घाट पर गंगा आरती का आयोजन किया गया।