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अनदेखी: यहां विज्ञान पढ़ने के लिए छात्र—छात्राएं करते है 8 ​किमी का सफर तय, ग्रामीणों ने राज्य मंत्री रेखा आर्य को सौंपा ज्ञापन, समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। जहां एक ओर आज आधुनिकता की बात हो रही है वही दूसरी ओर आधुनिक वैज्ञानिक युग में विज्ञान पढ़ने के इच्छुक छात्र—छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। कुछ ऐसा ही आलम है ताकुला ब्लाक के राइंका सुनोली का। राजनीतिक लाभ कमाने के लिए नेताओं ने यहां बड़े—बड़े वायदे तो किये लेकिन उन वायदों को जमीनी रूप देने की जद्दोजहद किसी नेता ने नहीं उठाई।
जनसंघ के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व पर्वतीय विकासमंत्री स्व0 सोबन सिंह जीना की 111वीं जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव सुनोली पहुंची बाल विकास, महिला कल्याण एवं पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य को विभि​न्न समस्याओं के निदान को ग्रामीणों ने
ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा ​कि 5 साल पहले राइंका सुनोली का उच्चीकरण हुआ। जुलाई 2014 से यहां 11वीं कक्षाएं संचालित कर दी गई। लेकिन इंटर में विज्ञान वर्ग के स्वीकृत होने के बावजूद अध्यापकों की नियुक्ति नहीं होने से उच्चीकरण के 5 साल बाद भी विज्ञान वर्ग की कक्षाए संचालित नहीं हो पाई। आलम यह है कि ​विज्ञान पढ़ने की रूचि रखने वाले छात्र—छात्राओं को मजबूरन 6 से 8 किमी का पैदल सफर तय कर राइंका भकूना जाना पढ़ता है। इस समूचे क्षेत्र में गणित प्रवक्ता का पद मात्र भकूना मे स्वीकृत है लेकिन वह भी रिक्त चल रहा है। इसके अलावा स्कूल आज भी जूहां के भवन में चल रहा है। वह भी जीर्ण—क्षीर्ण हो चुका है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के 9 वर्ष बाद भी विद्यालय में चारदीवारी नहीं है। इसके अलावा स्व0 सोबन सिंह जीना की स्मृति में बने भवन के लोकार्पण के 2 वर्ष बाद भी ताला लटके होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि पुस्तकालय की व्यवस्था नहीं हो पाई है और न ही संग्रहालय में जीना के जीवन से जुड़ी कोई वस्तु रखी गयी है। ग्रामीणों ने कहा कि 21 मई 2014 को ताकुला-बसौली में फिटर, इलैक्ट्रिशियन तथा वैल्डर ट्रेड की स्वीकृति के आईटीआई खोलने का शासनादेश जारी हुआ था, लेकिन आज तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। साथ ही पीएमजीएसआई के तहत 2006 में बनी बसौली-सुनोली मोटरमार्ग नापभूमि का मुआवजा काश्तकारों को दिलाये जाने, सुनोली ग्रामसभा के सभी 13 तोकों को मोटर मार्ग से जोड़े जाने, बिनसर वन्य जीव विहार की सीमा से लगे गांवों में जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाये जाने, पशुक्षति का मुआवजा दिलाये जाने, बिनसर वन्य जीव विहार की सीमा से लगे क्षेत्र में शून्य से 300 मीटर से 3 किमी तक क्षेत्र को इको सेंसटिव जोन बनाये जाने को जारी प्रारूप को निरस्त कराये जाने, क्षतिग्रस्त पोल को बदलवाने, सुनोली के भनारीगैर तोक में पेयजल की समस्या से निजात दिलाये जाने, क्षतिग्रस्त हो चुकी टूनापानी-नगशीला पेयजल योेजना की मरम्मत कराये जाने, पीएचसी केंद्र ताकुला को सीएचसी का दर्जा दिलाये जाने, ताकुला पॉलीटेक्निक में स्वीकृत हुए तीन ट्रेड को इस सत्र से चालू किये जाने, ताकुला—गणानाथ—रनमन मोटर मार्ग की मरम्मत, बसोली—नाईढौल मोटर मार्ग में भकूना के पास पुल बनाये जाने समेत सभी समस्याओं पर अपनी ओर से शीघ्र कार्यवाही कर निस्तारण किये जाने की मांग की। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर जोशी, गोविंद​ सिंह चौहान, रघुवर जोशी, लक्ष्मण सिंह समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।

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