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Cancer: कैंसर के जोखिम को कम कर रही है ₹100 की यह दवा, जाने इसके बारे में

Smriti Nigam
3 Min Read

कैंसर जानलेवा बीमारियों में से एक है।हर साल कई प्रकार के कैंसर के कारण दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो जाती है लेकिन मेडिकल साइंस में आधुनिकता और तकनीकी विकास से कैंसर के उपचार में मदद मिल रही है। अब आम लोगों के लिए भी इस कैंसर का इलाज करवा पाना आसान होता जा रहा है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर से मौत के कारण इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि हर कोई इसका इलाज नहीं करवा पता है और जब तक लोगों के इसके बारे में पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।इसी कड़ी में टाटा इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक दवा खोजी है। उनका कहना है यह गोली कैंसर को दोबारा होने से रोकती हैं और कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों को 50% तक काम करने में मदद करती है और इसकी खास बात यह है कि यह काफी किफायती भी है यह टैबलेट सिर्फ ₹100 की है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘आर+सीयू’ नाम की इस टैबलेट में प्रो-ऑक्सीडेंट के साथ रेस्वेराट्रॉल और कॉपर होता है जो पेट में ऑक्सीजन रेडिकल्स उत्पन्न करता है। ये रेडिकल्स कैंसर कोशिकाओं द्वारा रिलीज किए जाने वाले क्रोमेटिन कणों को नष्ट कर सकती हैं। इससे अन्य स्वस्थ कोशिकाओं के कैंसरग्रस्त होने का जोखिम कम हो जाता है। यह प्रक्रिया कैंसर कोशिकाओं को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने से भी रोकती है, जिसे ‘मेटास्टेस’ कहा जाता है।

यह दवा कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि चूहों पर किए गए इस दवा के परीक्षण के परिणाम काफी बेहतर हैं। फिलहाल अब इसका परीक्षण मानव पर किया जाएगा।वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कैंसर की पुनरावृत्ति को रोकती हैं और 30% तक प्रभावशाली भी है। यह टैबलेट अग्नाशय, फेफड़े और मौखिक कैंसर के लिए प्रभावी है।

विशेषज्ञों की टीम ने कहा, फिलहाल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से इस दवा की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। मंजूरी मिलते ही टैबलेट के जून-जुलाई तक बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।

टाटा इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. राजेंद्र बडवे कहते हैं, अगर टेबलेट को मंजूरी मिल जाती है तो इसकी कीमत काफी कम होगी। बताया जा रहा है कि इसकी कीमत ₹100 से भी कम रखने का प्रयास किया जा रहा है जिससे आम लोग भी इसका इस्तेमाल आसानी से कर सके। कैंसर के उपचार में यह दवा कितना अरदार है इसको लेकर अभी कुछ सामने नहीं आया है।पर यह कैंसर को दोबारा बढ़ाने के जोखिमों को कम जरुर कर रही है।