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मानसून की तैयारी शुरू, जेसीबी मशीनों में लगेगा जीपीएस सिस्टम

Newsdesk Uttranews
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अमित जोशी चम्पावत। मानसून से पूर्व जनपद की लाइफ लाइन माने वाली टनकपुर-घाट सड़क के चौड़ीकरण के दौरान उभरे भू-स्खलन संभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर सूची उपलब्ध कराते हुए खतरे वाले स्थानों पर आपदा कन्ट्रोल रूम के बेसफोन एवं मोबाइल नम्बर युक्त साईनबोर्ड लगाने की बात सोमवार को जिला सभागार में मानसून से पूर्व तैयारियों की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने एनएच के अभियंताओं से कही। उन्होंने कहा कि जनपद की विभिन्न सड़कों पर भू-स्खलन संभावित क्षेत्रों में तैनात की जाने वाली जेसीबी की लिस्टिंग करें और तैनाती के समय जेसीबी में जीपीएस टै्रकिंग सिस्टम लगायें। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण से पूर्व के परिदृष्य से बाहर निकले और नये संभावित खतरे वाले स्थानों पर नजर बनाये रखते हुए वहां पर सुरक्षा कार्य करना प्रारम्भ करें जिससे मानसून के दौरान खतरे को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि साईनबोर्ड में नम्बर अंकित होने से सड़क बाधित होने पर लोग सड़क बंद होने की सूचना दे सकें जिससे सड़क खोलने की कार्यवाही अमल में आ सके।
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधक एवं पुलिस विभाग को आपदा से संबंधित उपकरणों का अभ्यास करने तथा जरूरत के मुताबिक उपकरणों की खरीद हेतु डिमाण्ड प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में चौकन्ना रहने तथा अधीनस्थ अधिकारियों/कार्मिकों को सक्रिय रखने के निर्देश दिये। उन्होंने सड़क बाधित होने की दशा में वैकल्पिक मार्ग तैयार रखने तथा एनएच को कंपनी के माध्यम से शेष स्थानों पर क्रैश वैरियर लगाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने उपकरणों के अभ्यास हेतु मॉकड्रिक की तिथि निर्धारित करने और उसमें सैन्य, अर्द्ध सैन्य बलों को भी सम्मिलित करने को कहा।
जिलाधिकारी रणवीर सिंह चौहान ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को डेगू, मलेरिया आदि बिमारियों की दवायें पर्याप्त मात्रा में सभी सीएचसी, पीएचसी को उपलब्ध कराने, सीवीओ को जानवरों में खुरपका/मुंहपका होने से पूर्व टीकाकरण करने तथा दवा पर्याप्त मात्रा में स्टोर करने एवं पशु हानि होने पर उनके शव को दफनाने के लिए प्लानिंग करने एवं अधिशासी अधिकारियों को नालियों की सफाई रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मानसून में भारी वर्षा, भू-स्खलन, त्वरित बाढ़, बादल फटना, अतिवृष्टि एवं नदियों का जल स्तर बढ़ने की स्थिति में रिलीफ कैम्पों हेतु स्थान चयन करने, खाद्यान्न सामग्री की व्यवस्था करने, क्रोनिक जोनों पर नजर रखने, संचार सेवा वाधित होने पर वैकल्पिक रूप में सेटेलाईट फोन व वायरलेस सेटों को तैयार रखने, रिमार्ट एरिया में सितम्बर तक का राशन 30 जून तक वितरित करने, मानसून से पूर्व सड़कों से मलबा हटाने, आर्मी, आईटीबीवी एवं एसएसबी से समन्वय स्थापित करने, आपदा की सामग्री की लिस्टिंग करने के निर्देश बैठक में दिये।
रणवीर सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी आपदा में राहत एवं बचाव कार्य में गति लाने के लिए रेस्पोंस टाईम को कम से कम करें और आवागमन एवं संचार सुविधाओं को दुरस्त रखें। उन्होंने तराई क्षेत्र में बाढ़ राहत चौकियों की स्थापना एवं राहत शिविर का चयन तत्परता से करने, ठुलीगाड़ सड़क पर पड़ने वाले रपटों में आने वाले मलबे हेतु एनएचपीसी से वार्ता करने के निर्देश दिये। उन्होंने रपटों पर वाहन दुर्घटनाएं को देखते हुए पुलिस एवं वैरियर की व्यस्वथा करने, बरसात में तराई में घरों में घुसे सांपों को निकालने हेतु वन विभाग के रैंजर को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश बैठक में दिये। उन्होंने सभी विभागों के क्षेत्रीय कार्मिकों के मोबाइल नम्बर कन्ट्रोल रूम में लिस्टेड करने तथा युवक/महिला मंगल दलों को आपदा का प्रशिक्षण देने, वाहनों की फिटनेस, ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड पर नियंत्रण हेतु चैकिंग अभियान चलाने, संवेदनशील गांवों को चिन्हित करने के निर्देश बैठक में दिये।
बैठक में डीएफओ केएस बिष्ट, उप जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, पीडी एचजी भट्ट, एसटीओ एचपी गंगवार, सीएमओ डा.आरपी खंडूरी, सीवीओ डा.बीएस जंगपांगी समेत आर्मी, एसएसबी, आईटीबीवी, पुलिस आदि विभागों के सभी अधिकारी उपस्थित थे।

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