उत्तराखण्ड— पत्रकार अजय प्रकाश पर मुकदमे के खिलाफ लामंबद हुए पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता

उत्तरा न्यूज टीम
8 Min Read

हल्द्वानी -​राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से संचालित हो रही वेबसाइट जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश के उत्पीड़न को पत्रकारों ने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। अजय ने यहां हल्द्वानी में एक प्रेस वार्ता में बताया कि वह तीन दिन की कवरेज के लिऐ उत्तराखण्ड आए थे और ऊधम सिंह नगर के पुलभट्टा के पास उनके वाहन को रोका गया और कई घंटो की हिरासत में रखा गया। वही उनके द्वारा बुक की गये वाहन को चुनाव के लिए अधिग्रहीत कर लिया गया। साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया।

new-modern

पत्रकार अजय प्रकाश पर दर्ज मुकदमे और एआरटीओ द्वारा अजय प्रकाश द्वारा किराए पर ​लिए गए टैक्सी वाहन को अधिग्रहित किये जाने के दौरान की गई अभ्रदता व के खिलाफ यहां हल्द्वानी में पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी कड़ी निंदा की। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रविन्द्र गढ़िया, उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीएस मेहता, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार आदि के साथ अजय प्रकाश हल्द्वानी पहुंचे। पत्रकार अजय प्रकाश ने बताया कि वह एनसीआर के निवासी हैं तथा न्यूज बेबसाइट जनज्वार डाट काम (www.janjwar.com) के संपादक हैं।

वह 3 दिवसीय चुनावी कवरेज के लिए भ्रमण हेतु रुद्रपुर से एक टैक्सी शिफ्ट डिजायर सं. यू के 06 टीए 5271 को किराए पर लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह की धामी की विधानसभा क्षेत्र खटीमा की चुनावी कवरेज के लिए अपने सहयोगी अंकित गोयल के साथ खटीमा को जा रहे थे। कि उन्हे रास्ते में रोक लिया गया। अजय ने बताया कि 7 फरवरी को दिन में 1 बजे पुल भट्टा थाना क्षेत्र में रिलायंस पैट्रोल पंप के पास पहुंचने पर अचानक एआरटीओ विपिन कुमार सिंह ने उनकी टैक्सी को रोक लिया तथा कागज चेक कराने के लिए कहा। कागज देखने के बाद एआरटीओ बिपिन कुमार सिंह ने कागज जब्त कर लिए और कहा कि तुम्हारी गाड़ी विधानसभा चुनाव के लिए अधिग्रहित की जा रही है।

आरोप लगाते हुए कहा कि एआरटीओ ने गाली-गलौज करते हुए चालक को जेल में डालने की धमकी दी। इसके बाद अजय प्रकाश तथा उनके सहयागी अंकित गोयल को जबरन गाड़ी से उतार दिया और अब आप लोग जा सकते हैं। ये गाड़ी चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहित कर ली गयी है। अजय ने बताया कि उन्होने कई बार निवेदन किया कि वह उत्तराखंड में 3 दिन के सीमित समय के लिए चुनावी कवरेज के लिए आया है। उनका खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, लालकुआं, हल्द्वानी, कालाढूंगी रामनगर व सल्ट आदि विधानसभा क्षेत्र में चुनावी कवरेज का व्यस्त कार्यक्रम है गाड़ी यहां पर अचानक इस तरह से राह चलते जब्त करने से पूरा चुनावी कवरेज का काम ही खराब हो जाएगा इ​सलिए वह इस गाड़ी को 3 दिनों बाद अधिग्रहित कर लें। अजय ने कहा कि इस दौरान मैंने उन्हें अपना जनज्वार के सम्पादक का परिचय पत्र भी दिखाया। इसके बावजूद भी एआरटीओ विपिन कुमार सिंह ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए,वहां थानाध्यक्ष राजेश पांडे व अन्य पुलिस कर्मियों को बुलाया।

अजय प्रकाश का आरोप है कि एआरटीओ विपिन कुमार सिंह ने थानाध्यक्ष राजेश पांडे के साथ मिलकर तीनो तीनों का मोबाईल फोन छीना और जबरन उन्हें, मेरे सहयोगी अंकित गोयल व टैक्सी चालक विनोद कुमार को पुलिस जीप में डालकर पुल भट्टा थाना ले आए। वहां तीनों को एक कमरे में लगभग 9 घंटे के लिए बंद कर दिया गया। अजय का आरोप है कि शाम को 6 बजे तक एआरटीओ बिपिन कुमार सिंह अपनी ड्यूटी छोड़कर पुलभट्टा थाने में ही बैठे रहे और थानाध्यक्ष राजेश पांडे ने उनकी बात सुनने से ही इंकार कर दिया तथा और दुर्व्यवहार किया। अजय प्रकाश का कहना है कि एआरटीओ के जाने के बाद बड़ी मिन्नतों के बाद सायं लगभग 6 बजे उनके फोन वापस दे दिये और रात्रि में बताया गया कि उकने खिलाफ भादसं की धारा 186,188,269,270,353 व आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 56 में मुकदमा दर्ज किया गया है।

अजय प्रकाश का आरोप है कि उनका नाम पता व पत्रकार का पेशा जानने के बाबजूद भी एफ.आई.आर में जानबूझकर उनका वह उनके सहयोगी अंकित गोयल का पता गलत दर्ज किया गया और रात्रि लगभग 10 बजे धारा 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया गया। अजय ने बताया कि किसी तरह वह रात को रूद्रपुर अपने परिचित के वहां पहुंच सके। पत्रकार अजय प्रकाश ने आरोप लगाया कि एआरटीओ विपिन सिंह व पुलभट्टा के थानाध्यक्ष राजेश पांडे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर हमला करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता को बाधित किया है। कहा कि राह चलते किसी पत्रकार या व्यक्ति को उसके गन्तव्य तक जाने से रोकना न केवल गैर कानूनी है बल्कि देश के नागरिकों के संविधान प्रदत्त अधिकारों का भी उल्लंघन है।

अजय प्रकाश ने उत्तराखंड सरकार से एआरटीओ विपिन कुमार सिंह के खिलाफ पत्रकार की कवरेज को बाधित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही टैक्सी को सीज करने व थानाध्यक्ष राजेश पांडे के साथ मिलकर दिन भर थाने में बैठाए रखकर, चुनावी कवरेज से रोकने व प्रताड़ित किए जाने के लिए उन्हें तुरंत निलंबित कर, उनके खिलाफ विभागीय जांच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए साथ ही पुलभट्टा थाना जिला ऊधमसिंहनगर (उत्तराखंड) में दर्ज फर्जी एफ.आई.आर सं. 0024/2022 को अबिलम्ब वापस लिया जाए।

मांग की कि उचित निर्देश जारी कर सुनिश्चित किया जाए कि पत्रकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों व किसी भी सवारी या नागरिक को गन्तव्य तक पहुंचाने के दौरान किसी भी यात्री के आवागमन में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई रुकावट न डाली जाए, यह सुनिश्चित किया जाए प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता बिना किसी बाधा के पूरी की जा सके।

प्रेस वार्ता के दौरान मुनीष कुमार ने कहा कि एआरटीओ की गुंडागर्दी के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत कर दी गई है। आरोप लगाया कि एआरटीओ द्वारा सड़क पर गाड़ियां जबरन रोककर चालकों के साथ बदतमीजी की जा रही है और आचार संहिता की आड़ में प्रशासन गुंडई पर उतारू है।मुनीष कुमार ने एआरटीओ व थानाध्यक्ष की निलंबित कर पीड़ित पत्रकार के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने व प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रविन्द्र गढ़िया ने इसे मीडिया पर हमला बताते हुए कहा कि अधिग्रहण के लिए कानूनन गाड़ी मालिक को लिखित में नोटिस दिया जाने चाहिए। कहा कि इस प्रकार की कार्रवाही सरकारी काम की आड़ में गुंडागर्दी है और इसका विरोध करने पर मुकदमा लगाया जा रहा है। कहा कि आठ घण्टे तक पत्रकार को बिना किसी एफआईआर के थाने में अवैध हिरासत में रखा गया।