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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस(International Women’s Day)- उत्तराखंड के सवालों(Uttarakhand questions) को लेकर 65 दिन जेल में रहने वाली सुशीला भंडारी(susheela bhandari) ने क्यों कहा उत्तराखंड को सरकारों ने बना दिया उजड़ाखंड

Newsdesk Uttranews
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उत्तराखंड के सवालों (Uttarakhand questions) के लिए प्रदेश की सरकारे ही जबाबदेह इन्हीं से पूछेंगे सवाल (International Women’s Day)

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अल्मोड़ा 08 मार्च: केदारनाथ बचाओ की प्रखर नेता और उत्तराखंड के सवालों (Uttarakhand questions)को लेकर 65 दिन जेल में रहने वाली रुद्रप्रयाग जिले की सुशीला भंडारी(susheela bhandari) ने कहा कि प्राकृतिक संशाधनों की लूट में राज्य की सभी सरकारें शामिल रही हैं और उन्होंने उत्तराखंड को उजड़ाखंड बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

Uttarakhand questions

उन्होंने कहा कि ऐसी सरकारों को सत्ता से उतारने के लिए जनता को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी। महिला दिवस(International Women’s Day) के उपलक्ष्य में अल्मोड़ा में आयोजित कार्यक्रम में श्रीमती भंडारी ने कहा कि पहाड़ के लोगों ने कभी पहाड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया।

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केवल अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोगों ने पलायन किया है। गांव के लोग यदि इन जरूरी सुविधाओं के लिए देहरादून जा रहे हैं तो क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि देहरादून जैसी मूलभूत ​और जरूरी सुविधाओं की बहाली गांवों और पर्वतीय क्षेत्रों में करे। उन्होंने कहा कि सभी ने राज्य को लूटने वाली योजनाओं को मंजूरी दी और अब यही पलायन को दोष दे रहे हैं।

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उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी महिला शाखा की ओर से यहां एक होटल में साधारण महिलाएं, असाधारण अनुभव विषय पर हुई गोष्ठी में सुशीला ने कहा कि राज्य में आई सरकारों ने उत्तराखंड को उजडाखंड बना दिया है। इसमें बदलाव के लिए कांग्रेस, भाजपा जैसे राज्य विरोधी दलों की दुकानें बंद करनी पड़ेंगी।


पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि सत्ता स्वार्थों के लिए समाज को तोड़ने और नफरत की राजनीति में फंस जाने के कारण हम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के मुद्दों से दूर हो रहे हैं। संचालन पार्टी के केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा ने किया।


इस मौके पर सुनील कांडपाल, भारती पांडे, सुनीता पांडे, नर्मदा तिवारी ने विचार रखे। कार्यक्रम में रवींद्र पांडे, सुशीला उपाध्याय, विशन सनवाल, भावना मनकोटी, रेशमा परवीन, कौस्तुभानंद भट्ट, रमाशंकर नैनवाल, महेश फुलारा, सुरेश फुलारा, गोपाल राम, रेखा आर्या आदि मौजूद थे।