क्रांति और कलम के अग्रदूत थेलाला हरदयाल (Lala Hardayal)
पिथौरागढ़ सहयोगी क्रांति एवं कलम के योद्धा व गदर पार्टी के संस्थापक लाला हरदयाल (Lala Hardayal) की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य पर निखिलेश्वर चिल्ड्रन्स एकेडमी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता तारा सिंह ने कहा कि लाला हरदयाल (Lala Hardayal) क्रांति और कलम के अग्रदूत थे। वह व्याकरण युक्त अंग्रेजी के गिने-चुने विद्वानों में एक थे।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली लालाहरदयाल (Lala Hardayal) सरकारी स्काॅलरशिप से 1905 मे आक्सफोर्ड पढ़ने गए, लेकिन उनका मन बंग भंग आंदोलन से व्यथित हो गया। कैरियर बनाने की अपेक्षा भारत माता को स्वतंत्र कराने की उमंग उनके मन में हिलोरे लेने लगी और वह पत्नी सहित भारत वापस आ गए।
अंग्रेज हुकूमत उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे रखती रही। लाला लाजपत राय ने उन्हें फ्रांस भेज दिया, जहां वह भीका जी काम और श्यामजी कृष्ण के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ गए। गदर पार्टी (Gadar Party) के संस्थापक लाला हरदयाल (Lala Hardayal) ने 4 मार्च 1939 में फिलाडेल्फिया, अमेरिका में अंतिम सांस ली।
विद्यालय की प्रधानाचार्या ममता सिंह ने कहा कि लाला हरदयाल(Lala Hardayal) का जीवन युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है। वे उच्च कोटि के लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे। कार्यक्रम में शिक्षक पीसी कलौनी, सनीता बनकोटी, उमेश शाही, पुष्पेन्द सिंह व रश्मि आदि मौजूद थे।
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