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अपने कर्मियों के लिए सोशल मीडिया दिशानिर्देशों का एक नया सेट देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने जारी करते हुए कहा की कर्मियों को विवादास्पद, राजनीतिक मामलों पर टिप्पणी करने की इज़ाजत नहीं है।
पिछले हफ्ते दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय में दो पन्नों के निर्देश जारी किए गए थे,जिसमें कहा गया था कि अर्धसैनिक बल के कर्मी अपनी व्यक्तिगत शिकायतों को दूर करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे हैं। ऐसा करना सीसीएस आचरण नियम 1964 का उल्लंघन है।यदि कोई अर्धसैनिक बल के कर्मी इस नियम का उल्लंघन करते है तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
CRPF सर्कुलर ने सतर्क करते हुआ कहा की अपने इंटरनेट सोशल नेटवर्किंग पर आप ऐसा कुछ भी न करें जो सरकार या आपकी खुद की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए और न ही सरकारी नीतियों पर प्रतिकूल टिप्पणी करें और न ही किसी भी सार्वजनिक मंच के बारे में राजनीतिक धार्मिक बयान दें। ऐसे किसी विवादास्पद, संवेदनशील या राजनीतिक मामलों पर टिप्पणी न करें जो आपको परेशानी में डाल दे ।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कर्मियों को क्रोध, द्वेष या शराब के प्रभाव में ऑनलाइन कुछ भी लिखना या पोस्ट नहीं करना चाहिए, और उन्हें किसी के साथ धौंस जमाने या भेदभाव करने वाला भी नहीं होना चाहिए। कहा गैर-अधिकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से कुछ भी साझा न करें, भले ही वह नुकसानदेह न हो, जैसे जनशक्ति के मुद्दे, पदोन्नति, स्थानीय आदेश आदि। क्योंकि ऐसी जानकारी विरोधियों को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का अवसर दे सकती हैं।
सीआरपीएफ कर्मियों के लिए दिशानिर्देशों में क्या करें को लेकर भी स्पष्ट किया गया है। जैसे तथ्य और राय के बीच के अंतर को जानना सुनिश्चित करना चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह स्पष्ट करना सुनिश्चित करें कि आप सरकार की स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। हमेशा याद रखें कि आप ब्लॉग,या किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर कुछ भी लिखने के लिए खुद जिम्मेदार रहेंगे।