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उत्तराखंड: धर्म परिवर्तन कानून (anti conversion law) के तहत पहली कार्रवाई, अंतर्जातीय विवाह करने वाले कपल समेत 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Newsdesk Uttranews
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Uttarakhand: Interfaith couple booked for religious conversion in violation of anti conversion law

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देहरादून: उत्तराखंड में धर्म परिवर्तन एक्ट (anti conversion law) के तहत पहला केस दर्ज हुआ है। ये केस अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़े समेत चार लोगों के खिलाफ धर्म परिवर्तन एक्ट के प्रावधान ना मानने का मुकदमा दर्ज हुआ है। उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक साल 2018 में कानून बनने के बाद यह पहला मामला सामने आया है।

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दरअसल यह दंपति उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में सुरक्षा मांगने गए थे। मंगलवार को पटेल नगर थाने में इस साल सितंबर में शादी करने वाले दंपति, पति के चाचा और काजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह जानकारी पटेल नगर थाने के एसएचओ प्रदीप राणा ने दी। शादी करने वाले लड़के के फूफा इस शादी में शामिल थे और काजी ने यह निकाह संपन्न करवाया था।

शादी करने वाले दंपति ने हाईकोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने जिलाधिकारी को इस मामले में पूछताछ करने का निर्देश दिया था। एसएचओ राणा ने कहा कि पुलिस ने पाया कि शादी करने वाली महिला ने अपने माता-पिता और जिले के अधिकारियों को बिना बताए शादी से पहले अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था।

सर्कल ऑफिसर(सीओ) अनुज कुमार ने कहा कि यह उत्तराखंड स्वतंत्रता अधिनियम 2018 की धारा 3, 8 और 12 का उल्लंघन है। अधिनियम की धारा 3 या तो सीधे या अन्यथा, गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, खरीद या किसी धोखाधड़ी के माध्यम से या विवाह के द्वारा रूपांतरण पर रोक लगाती है। सीओ ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वतंत्रता अधिनियम (anti conversion law) के उल्लंघन का ये पहला मामला सामने आया है, जो कानून साल 2018 में लागू हुआ है।


इस अधिनियम (anti conversion law) की धारा 8 में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने धर्म को परिवर्तित करने की इच्छा रखता है, वह जिला मजिस्ट्रेट या उसके द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी को कम से कम एक महीने पहले नोटिस देगा कि वह उसकी स्वतंत्र सहमति और बिना किसी बल के, जबरदस्ती, अनुचित प्रभाव या खरीद के बिना अपने धर्म को अपने धर्म में बदलना चाहता है।

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जो धार्मिक पुजारी, जो किसी भी धर्म के किसी व्यक्ति को दूसरे धर्म में परिवर्तित करने के लिए शुद्धि संस्कार या रूपांतरण समारोह करता है, वो इस तरह के रूपांतरण की एक महीने की अग्रिम सूचना डीएम या उसके द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी को देगा।

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इस एक्ट (anti conversion law)
की धारा 12 में कहा गया है कि जब इस एक्ट के तहत अपराध किया जाता है, तो माना जाता है कि सभी ने अपने कमीशन में भाग लेने के तरीके के बारे में विचार किया है, घृणा या परामर्श रूपांतरण के रूप में चार्ज किया जाएगा जैसे कि उसने वास्तव में किया है , जो 2018 में लागू हुआ है।


गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने हाल ही में हरिद्वार प्रशासन से ऐसे ही एक जोड़े को सुरक्षा देने का आदेश दिया था। इस मामले में पत्नी ने अपने अंतर्जातीय विवाह के कारण उसे अपने परिवार से खतरा होने की बात कही थी। महिला ने इस्लाम धर्म से हिंदू धर्म मेंं परिवर्तन (anti conversion law)
के लिए हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष नोटिस दायर किया था।

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