अपने कंफ्यूजन को करें दूर, जाने उत्तराखंड में कब होगा होली का कार्यक्रम,पूरी जानकारी पढ़े यहां

Smriti Nigam
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बताया जा रहा है कि आज रात्रि में 11:30 से 12:45 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है। शहर के सभी पंडितों और पुरोहितों ने मिलकर यह निर्णय लिया है।

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आज होगा होलिका दहन

हर साल की तरह इस साल भी होली का पर्व पूरे हर्ष के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार 25 मार्च को होली मनाई जाएगी लेकिन होली के ठीक 1 दिन पहले फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर पूरे दिन भर भद्रा होने की वजह से होलिका दहन 24 मार्च को रात में ही किया जा सकेगा। आंवलेश्वर मंदिर के पुजारी व रामलीला कमेटी के व्यास पं. पुष्कर चंद्र भट्ट गोपाल जी शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष आज होलिका दहन किया जाएगा लेकिन फाल्गुन की पूर्णिमा में भद्रा के बाद ही होलिका दहन का विधान होता है। आज रात्रि में 11.30 से 12.45 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है।

ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होली का उत्सव मनाया जाता है। हालांकि, इस बार 25 और 26 को दो पूर्णिमा होने की वजह से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। रविवार 24 मार्च को रात भद्रा समाप्त हो जाएगी। इसके बाद पूर्णिमा को होली का उत्सव मनाया जा सकता है। देशभर में 25 मार्च को ही होली का उत्सव मनाया जाएगा हालांकि होली काशी पंचांग के अनुसार मनाई जा रही है। लेकिन कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में इसके अगले दिन मंगलवार 26 मार्च को होली मनाई जाएंगी।

उत्तराखण्ड में कुमाऊं के मैदानी क्षेत्रो में होली 25 मार्च यानि सोमवार को मनाई जाएंगी।जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में मंगलवार यान 26 मार्च को मनाई जा रही है।

हल्द्वानी : ज्योतिषाचार्य ने कहा कि आज 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। होलिका दहन पर कुछ उपाय करने का भी सुझाव दिया है जिसके बाद आपके जीवन में काफी बदलाव आ सकते हैं।लंबे समय से आर्थिक परेशानी से जूझ रहे लोगों को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल डालकर दो मुखी दीपक जलाना चाहिए।

स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से जूझ रहे लोगों को होलिका दहन के समय अग्नि के साथ फेरे लगाकर होलिका दहन की राख से तिलक करना चाहिए इससे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

तनाव से ग्रसित लोगों को होलिका दहन के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए। साथ ही चंद्र दर्शन करना भी शुभ माना जाता है। उन्होंने कहा कि होली की भस्म का टीका लगाने से दृष्टि दोष तथा प्रेत बाधा से भी मुक्ति मिलती है। होलिका दहन की अग्नि के दर्शन एवं परिक्रमा करने से राहु केतु के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं।