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Almora बाल श्रम मुक्त उत्तराखंड बनाने के लिए सीएसीएल ने चलाया अभियान, प्रत्याशियों से ली वचनबद्धता

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अल्मोड़ा,12 फरवरी— बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान उत्तराखंड(सीएसीएल) की ओर से प्रदेश में बाल मजदूरी को समाप्त करने के लिए विधानसभा चुनावों में प्रतिभाग कर रहे प्रत्याशियों के साथ एक अभियान चलाया और प्रत्याशियों से जीतने के बाद इस जरूरी मुद्दे पर सतत प्रयास करने की वचनबद्धता ली। यह अभियान छह जिलों के 12 विधासभाओं में चलाया गया।

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सीएसीएल की राज्य संयोजक नीलिमा भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड में बालमजदूरी की स्थिति चिंताजनक है। 2011 की जनगणना के तहत उत्तराखंड में 55120 बच्चे किसी ना किसी प्रकार से बालमजूदरी करने को मजबूर हैं। कोविड के बाद से यह स्थिति और गंभीर हुई है। जबकि 18 साल से नीचे की उम्र् की किसी भी बच्चे से कार्य करना दंडनीय है। उन्होंने कहा कि सीएसीएल ने अपने अभियान के तहत राज्य में चल रहे विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों के सम्मुख अपनी मांग को रखा और प्रत्याशी से जीतने के बाद बालश्रम उन्मूलन के लिए अपने स्तर से सतत प्रयास करने की अपील की। प्रत्याशियों ने भी इन मांगों पर अपनी सहमति देते हुए अपनी वचनबद्धता प्रदान की।

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यह अभियान अल्मोड़ा,चमोली,उधमसिंह नगर,नैनीताल, देहरादून और उत्तरकाशी के 12 विधानसभाओं में चलाया गया और वहां चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों तक सीएसीएल की मांगों पर वचनबद्धता ली गई। अभियान के तहत 18 वर्ष की उम्र तक के हर बच्चे को शिक्षा प्रदान करते हुए बालश्रम प्रतिबंधित कर संसद में संशोधन कानून लाने, शिक्षा के अधिकार कानून को 18 वर्ष की उम्र तक के सभी बच्चों के लिए लागू किए जाने,शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जीडीपी का न्यूनतम 6 फीसदी बजट रखे जाने, और राज्य सरकार स्तर पर 25 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किए जाने, ग्राम एवं मोहल्ला स्तर पर बाल संरक्षण समितियों को वास्तविक रूप से सक्रिय किए जाने की मांग की गई।