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देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों से संबंधित एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने विधानसभा में वर्ष 2001 से 2015 के मध्य हुई तदर्थ नियुक्तियों को नियमित किए जाने की वैधता पर विधिक राय देने से फिलहाल असमर्थता जाहिर कर दी है।
बताते चलें कि इसके साथ ही इन पुरानी नियुक्तियों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है। क्योंकि विधानसभा से निकाले गए 228 कर्मचारियों से जुड़ा मामला उच्च न्यायालय की एकल पीठ में विचाराधीन है, इसलिए महाधिवक्ता कोई राय देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने स्पीकर को यह सलाह भी दी है कि उन्हें एकल पीठ के फैसले का इंतजार कर लेना चाहिए।