नजीर—: वनों को आग से बचाने को जागरूकता के लिए 52 वर्षीय ललित ने लगाई 21 किमी की दौड़, युवाओं से की स्वास्थ्य फिट रखने और सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने की अपील

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। पर्यावरण संरक्षण और वनों को आग से बचाने के लिए संवेदनशील लोगों द्वारा लगातार चिंतन और प्रयास किए जा रहे हैं। कई बार इस प्रकार के प्रयास रचनात्मकता और जागरुकता में मददगार साबित होते हैं। इसी सोच को लेकर उत्तराखंड सरकार में समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत ललित चन्द्र जोशी ने ऐसा ही एक जागरूकता का प्रयास किया है। मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के मेहला हवालबाग निवासी ललित ने युवाओं में सामाजिक सरोकारों के लिए जागरुक करने के प्रयास में अल्मोड़ा से अपने मूलगांव मेहला तक 21 किमी की हाफ मैराथन दौड़ पूरी की जिसे उन्होंने एक घंटा 46 मिनट में पूरा कर लिया। एएनएमटीसी के ट्यूटर योगेश जोशी ने दौड़ में शुरूआती साथ दिया।
ललित का कहना है कि युवाओं को अपना स्वास्थ्य भी फिट रखना होगा तभी वह सामाज और जीवन में अपना काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के ​साथ ही वनों को आग से बचाने के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य के अलावा स्वास्थ्य के प्रति अवेरनेस को लेकर इस दौड़ का आयोजन किया गया।


ललित वर्तमान में सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। 52 वर्षीय ललित सचिवालय एथलेटिक्स क्लब के सचिव भी हैं। और देहरादून में इसी वर्ष हुई नेशनल मास्टर्स गेम में 1 स्वर्ण पदक एवम 1 कांस्य पदक तथा राज्य स्तर पर स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक प्राप्त किये हैं। इससे पहले पुलिस मैराथन में 21 किलोमीटर की दौड़ 1 घंटा 39 मिनट में पूरी की है।वह देवभूमि मास्टर्स एथलेटिक्स डेवलपमेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं आपकी संस्था उत्तराखण्ड में 35 वर्ष से अधिक आयु समूह में महिला व पुरूष वर्ग में राज्य स्तर पर मास्टर्स एथलीटों को राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह दौड़ राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे फिटनेस चेलेंज कार्यक्रम एवम वनों को आग से बचाने के लिए जागरूकता के लिए समर्पित है। उन्हें वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर एथलेटिक्स के क्षेत्र में कुर्मांचल सांस्कृतिक एवम कल्याण परिषद देहरादून द्वारा कुर्मांचल गौरव सम्मान भी दिया गया है। वह सामाजिक कार्यक्रमों, संस्थाओं, एड्स जागरुकता कार्यक्रमों के अलावा शिक्षक के रूप में भी अपने दायित्व निभा चुके हैं। वह अपने गृहक्षेत्र में स्थित जीआईसी भगतोला में शिक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं।