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गोवा इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में बतायी जाएगी राष्ट्रीय कांग्रेस और आजाद गोमांतक दल की भूमिका

Newsdesk Uttranews
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पणजी, 18 जून (आईएएनएस)। गोवा के इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में आजाद गोमांतक दल, एक स्थानीय सशस्त्र क्रांतिकारी समूह, राष्ट्रीय कांग्रेस (गोवा) और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में बताया जाएगा। इसकी घोषणा शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने की।

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गोवा क्रांति दिवस समारोह में प्रमोद सावंत ने कहा, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम अगले साल बदल रहा है। इस बार हम गोवा के पाठ्यक्रम को शामिल करते हुए, आजाद गोमांतक दल, राष्ट्रीय कांग्रेस (गोवा) और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में शामिल करेंगे।

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सांवत ने कहा कि राम मनोहर लोहिया, आजाद गोमांतक दल, राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य सेनानियों ने पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। भारत की आजादी के 14 साल बाद गोवा आजाद हुआ था।

मुख्यमंत्री ने कहा, 1955 में, देश भर से कई स्वतंत्रता सेनानी, पुर्तगालियों के खिलाफ लड़ने के लिए गोवा की सीमाओं पर एकत्र हुए। उनमें से कुछ नाम स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में पंजीकृत नहीं थे, लेकिन अब इस पर कार्य किया जा रहा है। उनके नामों को राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में पंजीकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात की है।

सांवत ने कहा कि 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले लगभग 70 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और इतिहास को उत्तरी गोवा के पत्रादेवी स्मारक पर प्रदर्शित किया जाएगा।

सावंत ने छात्रों से गोवा के इतिहास को जानने के लिए अगुआडा जेल, जो अब एक संग्रहालय में परिवर्तित है। उसका दौरा करने का आग्रह किया। यहां पुर्तगालियों ने स्वतंत्रता सेनानियों को बंदी बनाकर रखा था।

मुख्यमंत्री ने कहा, गोवा ने मुक्ति के लिए क्रांति देखी, अब डिजिटल क्रांति की जरूरत है। यह शैक्षिक क्षेत्र में होना चाहिए। गोवा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जाएगी और सरकार शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सभी सुधार करेगी।

–आईएएनएस

पीके/एएनएम

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