उन्होंने मांग की कि द्रमुक के नेताओं द्वारा इस तरह के अत्याचारी बयानों के लिए द्रमुक का पंजीकरण रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से द्रमुक के चुनाव चिन्ह को रद्द करने का भी आग्रह किया और चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह उसे अपने मामले पर बहस करने की अनुमति दे।
उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने के कारण द्रमुक के इस तरह के बयान जनप्रतिनिधित्व कानून के खिलाफ हैं।
द्रमुक के प्रवक्ता आर. राजीव गांधी ने दावा किया था कि द्रविड़ आदर्श पेरियार के निर्देशों के अनुसार तमिल ब्राह्मणों को मार दिया जाना चाहिए था।
कुछ दिन पहले एक ट्वीट में डीएमके नेता ने कहा था : अगर हम शूद्रों ने वही किया होता जो पेरियार ने हमें बताया था, तो हमें न्याय, अधिकार, शिक्षा और समानता के लिए ब्राह्मणों के साथ संघर्ष नहीं करना पड़ता। 3 फीसदी आप ब्राह्मण अभी भी कुछ क्षेत्रों पर हावी हैं।
उनका ट्वीट राजनीतिक टिप्पणीकार सुमंत रमन द्वारा 1973 के तमिलनाडु के कराईकुडी में पेरियार के भाषण का एक अंश साझा करने के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर तमिल ब्राह्मणों के विनाश का आह्वान किया था।
–आईएएनएस
एसजीके