उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा अनुसंधान एवं विकास की ओर अग्रसर

Newsdesk Uttranews
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उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा स्थापना के समय से ही सामाजिक सरोकारो से संबंधित वैज्ञानिक खोजों के क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय ने RI Instruments and Innovation India के साथ मिलकर अब तक सात पेटेन्ट जमा कर दिए है जिनमें से चार पेटेन्टों की नोवल्टी उत्तराखण्ड सरकार के राज्य विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद (UCOST) द्वारा Prior art Search Report के आधार पर स्थापित हो चुकी है तथा दो पेटेन्ट राष्ट्रीय स्तर पर File हो चुके है, दो की PCT की गई है।

विश्वविद्यालय द्वारा नवाचार के अंतर्गत पर्यावरण के लिए अत्यन्त हानिकारक पॉलिथीन तथा जंगली हानिकारक वनस्पतियो को closed loop reactor में प्रक्रिया कर ग्राफीन व बायोफ्यूल का निर्माण किया गया है, जिसके अनुप्रयोगों में एल्कोहल सेंसर, सोलर टाईल तथा पुनः प्रभार्य बैटरियों में परिवर्तनीय इलेक्ट्रोडों के पेटेंट आवेदित कर लिए गए है जिनका उददेश्य ग्रीन एनर्जी को बढावा देने में होगा।

आज पूरे विश्व के वैज्ञानिक एक ओर जहां खनिज तेलों के विकल्प के रूप में प्राकृतिक संसाधनों और अक्षय ऊर्जा के स्रोतों विशेषकर बायोफ्यूल को प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है, वही दूसरी ओर विश्व के सबसे मजबूत पदार्थ ग्राफीन जिसका उपयोग- एरोस्पेस, भवन सामग्रियों, मोबाईल डिवाइस, परिवहन, औषधि, इलैक्ट्रॅानिक्स, ऊर्जा, रक्षा क्षेत्रों, जल शोधन, सेन्सर आदि अन्य अनुप्रयोगो में प्रयुक्त होने वाले नैनोमैटीरियल को प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है।

विश्वविद्यालय की हानिकारक पॉलिथीन तथा जंगली हानिकारक वनस्पतियो को closed loop reactor में प्रक्रिया कर ग्राफीन व बायोफ्यूल के निर्माण वाली खोज को वाणिज्यिक स्तर पर परिणित करने के लिए GS Nano Tech India नाम की कम्पनी इस पेटेन्ट के ट्रायल लाइसेन्स को लेने की इच्छा प्रकट की है। कम्पनी के मालिक श्री गोरांग चन्द्रा ने आज विश्वविद्यालय परिसर में स्वयं उपस्थित होकर एक करार पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार उनकी कम्पनी एक वर्ष के लिए परीक्षण के आधार पर इस पेटेन्ट को लेगी, जिसके लिए वे मूलराशि का ड्राफट विश्वविद्यालय के खाते में जमा करेंगे तथा परीक्षण के सफल होने की दशा में आगामी चार वर्षो में कुल उत्पाद का 2% रायल्टी के रूप में विश्वविद्यालय को प्रदान करेगें।

उत्तराखण्ड सरकार के राज्य विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद (UCOST) के सहयोग से विश्वविद्यालय में ग्राफीन संश्लेषण प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा भारत का तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें परावर्तन, प्रदीपन, अवशोषण व Raman Spectrophotomitory की सुविधा एक साथ RIMS नामक उपकरण में प्रयोगशाला में उपलब्ध है।