नोटबंदी पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला अधूरा और भ्रामक : करन माहरा

उत्तरा न्यूज टीम
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देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के नोटबंदी पर दिए गए निर्णय को कांग्रेस ने भ्रामक और आधा-अधूरा करार दिया है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह नहीं बताया है कि केंद्र के इस फैसले ने घोषित लक्ष्यों को पूरा किया है या नहीं ।

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पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मीडिया से कहा कि शीर्ष अदालत ने सिर्फ यह कहा है कि आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा से पहले 1934 की आरबीआई अधिनियम की धारा 26 (2) को सही तरीके से लागू किया गया था या नहीं। माहरा ने कहा कि एक न्यायाधीश ने फैसले में असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मामले में संसद को दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए था।

कहा कि नोटबंदी के कारण आर्थिक विकास की गति को नुकसान पहुंचा, लाखों लोग बेरोजगार हो गए, सैकड़ों मौतें हुई, उस दौरान पैसों की कमी की वजह से न लोग उपचार करा पाए न बहन- बेटियों की शादी करा पाए शीर्ष अदालत ने इस पहलू को तो छुआ तक नहीं। उन्होंने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने सिर्फ नोटबंदी लागू होने की प्रक्रिया पर अपना निर्णय दिया पर उसके जो परिणाम थे उस पर कोई टिप्पणी नहीं की, नोटबंदी जिस उद्देश्य से की गई थी वह लक्ष्य प्राप्त हो पाया या नहीं, इस पर कोर्ट की कोई टिप्पणी नहीं आयी । नोटबंदी के फैसले ने आर्थिक विकास की गति को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण लाखों लोगों की आजीविका चली गई।