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Covid-19 टेस्ट अब बस एक मिनट में ! नई किट यूमार्स हुई विकसित

Newsdesk Uttranews
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03 जून 2021

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आईआईएसईआर ने कम कीमत के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर-ऑक्सीकॉन के बाद अब एक और नया आविष्कार किया है। आईआईएसईआर ने एक ऐसी (raman spectroscopy) यूमार्स किट विकसित की है जिससे खून की जांच से Covid-19 संक्रमण का पता लग सकेगा।

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इस किट से केवल एक मिनट में ही संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। इस किट की सबसे खास बात यह बताई जा रही है किकोरोना के सभी वेरिएंट इसकी जांच से बचकर बाहर नहीं जा सकता।


इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) ने पहले पहले कम कीमत के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर-ऑक्सीकॉन का आविष्कार किया था और अब कोविड-19 का पता लगाने वाली किट बनाई है।

ट्रायल पूरा होने के बार आयेगी किट बाजार में

बताया जा रहा है कि इस किट को लेकर अब तक जितने भी प्रयोग किए हैं वह सफल रहे है। और इस किट से संक्रमण और इसके स्तर का पता एक मिनट में लगाया जा सकेगा। अभी अन्य जरूरी ट्रायल पूरे होने के बाद यह किट सामान्य तौर पर बाजार में उपलब्ध हो जायेगी। इसके लिये किसी सरकारी संस्था को यह जिम्मेदारी दिये जाने की उम्मीद है।


रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (raman spectroscopy) तकनीक पर बनी है यह किट

भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) में डीन शोध संजीव शुक्ला ने बताया कि इस किट का पूरा श्रेय मुख्य रूप से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के डायरेक्टर प्रो. शिवा उमापति को जाता है। यह किट Raman spectroscopy तकनीक पर काम करती है। इस किट का नाम यूनिवर्सल मल्टीपल एंगल रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (यूमार्स) रखा गया है।

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प्लाज्मा सेल्स की रासायनिक संरचनाओं से पता लगाते है
Covid-19 संक्रमण


प्रो. शिवा उमापति, डायरेक्टर आईआईएसईआर ने बताया कि बताते रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी (यूमार्स) को लेकर कोरोना संक्रमण का पता लगाने पर शोध किया जा रहा है। और इस तकनीक में किट के माध्यम से ब्लड के प्लाज्मा सेल्स की रासायनिक संरचनाओं से संक्रमण का पता लगाया जाता है। डॉ उमापति का कहना है कि अभी उन्हे आधी से कुछ अधिक ही सफलता मिली। और अभी काफी टेस्ट किये जाने है।

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Covid-19
संक्रमण के स्तर को भी बताती है यूमार्स किट

डॉ उमापति ने बताया कि इस टेस्ट किट के आने से वायरस संक्रमण का पता आसानी से लगाना संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सल मल्टीपल एंगल रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी परीक्षण किट में लगी लेजर बीम ब्लड के प्लाज्मा सेल्स के अंदर रासायनिक बदलावों का अध्ययन कर संक्रमण का स्तर पता करती है।

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ट्यूबरक्लोसिस संक्रमितों के साथ ही प्रयुक्त किया गया Covid-19 जांच में उपयोग

रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक का प्रयोग टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) की जांच में किया जाता है। पहली बार इस तकनीक से कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की जा रही है। रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग अणुओं की संरचना की जांच करने के लिए होता है। यह एक लेजर बीम आधारित तकनीक है और इस पर सैंपल को रखकर उसके रासायनिक संरचनाओं में बदलाव का अध्ययन किया जाता है।


यूमार्स
किट को तैयार करने में इन संस्थाओं का भी है योगदान

टेस्ट किट को विकसित करने में भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के विज्ञानियों ने अहम योगदान दिया है। इस टेस्ट किट का प्रयोग एम्स, भोपाल के कोरोना मरीजों पर किया गया और इसमें आशातीत सफलता मिली हैं।


यूमार्स
टेस्ट किट को विकसित करने में भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के विज्ञानियों ने अहम योगदान दिया है। इस यूमार्स टेस्ट किट का प्रयोग एम्स, भोपाल के कोरोना मरीजों पर किया गया और इसमें आशातीत सफलता मिली हैं।


किया है। ऑक्सीकॉन डिवाइस को आईआईएसईआर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मित्रदीप भट्टाचार्य, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. वेंकेटेश्वर राव, डॉ. पी. बी. सुजीत और डॉ. शांतनु तालुकदार ने विकसित करने में अपना अहम योगदान दिया है।

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