इन गांवों में प्रधान के लिए नहीं मिला कोई कैंडीडेट,रिक्त रही सीट,नए पंचाायत एक्ट के बाद नहीं मिला अर्ह प्रत्याशी

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। पहली बार लागू हुए उत्तराखंड के पंचायती एक्ट के चलते प्रदेश की छोटी सरकार कही जाने वाली ग्राम पंचायतों में पंचायतों का गठन असंभव सा हो गया है। कुछ गांवों में प्रधान पद के लिए प्रत्याशी नहीं मिले तो कहीं ग्राम पंचायतों की कैबीनेट कही जाने वाले वार्ड मैंबरों का नामांकन तक नहीं हुआ है। ये ग्राम पंचायते अब भविष्य के प्रति आशंकित हैं कि चुनाव संपन्न हो पाएंगे या नहीं। यह व उदाहरण है जो प्रकाश में आए हैं।
पहला उदाहरण हवालबाग ब्लॉक मुख्यालय के नजदीकी गांव महतगांव का है। बड़ी मतदाताओं वाले इस गांव में एससी महिला के लिए आरक्षित सीट थी लेकिन नामांकन अवधि बीत जाने के बाद भी कोई नामांकन नहीं हुआ एक प्रकार से यह सीट अब फिलहाल रिक्त हो गई है।
दूसरा उदाहरण धौलादेवी ब्लॉक का है इस गांव के आरा सल्पड़ गांव में प्रधान पद एससी महिला के लिए आरक्षित था ​लेकिन इस गांव में भी एक नामांकन नहीं हुआ। यहां भी कोई प्रत्याशी नियमों में अर्ह नहीं रहा या उसने अनिच्छा व्यक्त की।
इसी तरह धौलादेवी ब्लॉक के धूरा बीडीसी क्षेत्र तक में पंचायती एक्ट के चलते नामांकन अर्ह नहीं पाया गया। जानकारी के अनुसार यहां एक नामांकन कम उम्र होने के चलते रद हुआ तो दूसरा दो से अधिक बच्चों की शर्त के चलते रद कर दिया गया। यहां भी यह बीडीसी वार्ड रिक्त हो गया है।
नाम वापसी के चलते अंतिम दिन जिला पंचायत में 16 नाम वापस हुए।जिले में तीन जिलापंचायत क्षेत्रों का निर्वाचन निर्विरोध होना तय है।