shishu-mandir

तो कोरोना को मात देगी यह दवा (Medicine), DCGI ने दी इमरजेंसी यूज़ की मंजूरी

Newsdesk Uttranews
5 Min Read

new-modern
gyan-vigyan

कोरोना वायरस की दूसरे लहर के कहर के बीच शनिवार को एक राहत की खबर सामने आई है।ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना के इलाज के लिए एक दवा (Medicine)के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दे दी है।

saraswati-bal-vidya-niketan

न्यूज़ डेस्क उत्तरा न्यूज़, 08 मई 2021- कोरोना वायरस की दूसरे लहर के कहर के बीच दवा (Medicine) के रूप में शनिवार को एक राहत की खबर सामने आई है।


ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना के इलाज के लिए एक दवा (Medicine)के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दे दी है।

इस दवा (Medicine)का नाम 2- डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) नाम दिया गया है। ये दवा डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंसेस और हैदराबाद सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी ने साथ मिलकर बनाया है।

विशेषज्ञों का इस दवा (Medicine)को लेकर दावा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते केस में यह काफी लाभदायक साबित हो सकती है। डीसीजीआई के मंजूरी से पहले यह दवा क्लीनिकल ट्रायल्स में सफल साबित हुई है।

दावा है कि जिन मरीजों पर इस दवा (Medicine)का ट्रायल किया गया था वो बाकी मरीजों की तुलना में जल्दी रिकवर हुए और यही नहीं इलाज के दौरान उनकी ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम रही।

जानकारी के अनुसार डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अप्रैल 2020 में लैब में इस दवा पर रिसर्च किए थे। रिसर्च में पता चला कि यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों के लिए मददगार साबित हो सकती है। जिसके बाद डीसीजीआई ने मई 2020 में दवा (Medicine)के दूसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी दी।

दूसरे फेज के ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद अलग-अलग हिस्सों में कुल 11 अस्पतालों में ट्रायल किया गया। मई से अक्टूबर तक चलने वाले इस ट्रायल में 110 मरीजों को शामिल किया गया।

इस दौरान यह बात सामने आई कि जिन मरीजों को यह दवा (Medicine)दी गई वो बाकी मरीजों की तुलना में कोरोना वायरस से जल्दी रिकवर हो गए। आम मरीजों की तुलना में ट्रायल में शामिल मरीज लगभग 2.5 दिन पहले ठीक हो गए।

इसके बाद तीसरे फेज का ट्रायल दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच देशभर के 27 अस्पताल में किया गया। इस बार के ट्रायल में मरीजों की संख्या दोगुनी कर दी गई और दिल्ली, यूपी, गुजरात, राजस्थान समेत कई राज्यों के मरीजों को शामिल किया।

तीसरे फेज के ट्रायल के दौरान जिन लोगों को यह दवा (Medicine)दी गई उनमें से 42 फीसदी मरीजों की ऑक्सीजन की निर्भरता तीसरे दिन ही खत्म हो गई।

Pithoragarh- कोरोना संक्रमण से 5 और लोगों ने जान गंवाई

खास बात यह है कि यह दवा पाउडर के रूप में बनाई गई है जिसे पानी में घोलकर लिया जाता है। दवा लेने के बाद जब ये शरीर में पहुंचता है तो कोरोना संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाती है और वायरस को बढ़ने से रोकती है।

corona covid-19 Medicine
corona

दावे के मुताबिक यह दवा (Medicine)कोरोना संक्रमित कोशिकाओं की पहचान करती है फिर अपना काम शुरू करती है।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दवा बनाने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ. एके मिश्रा ने एक चैनल एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि किसी भी वायरस की ग्रोथ होने के लिए ग्लूकोज का होना बहुत जरूरी है।

जब वायरस को ग्लूकोज नहीं मिलेगा, तब उसके मरने की चांसेस काफी बढ़ जाते हैं। इस वजह से वैज्ञानिकों ने लैब ने ग्लूकोज का एनालॉग बनाया, जिसे 2 डी- आरसी ग्लूकोज कहते हैं। इसे वायरस ग्लूकोज खाने की कोशिश करेगा, लेकिन यह ग्लूकोज होगा नहीं। इस वजह से उसकी तुरंत ही वहीं मौत हो जाती है।

उत्तरा न्यूज यूट्यूब चैनल के इस लिंक पर क्लिक करें और पाएं ताजातरीन वीडियो अपडेट

https://youtube.com/channel/UCq1fYiAdV-MIt14t_l1gBIw