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गांवों के भाग्य विधाता— अल्मोड़ा में लॉक डाउन(lock down) के दौरान घर आए युवाओं ने बना डाली सड़क

Newsdesk Uttranews
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लॉक डाउन(lock down) के दौरान युवाओं ने पेश की शानदार मिशाल

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रिपोर्ट-उत्तरा न्यूज

अल्मोड़ा:18 मई 2020— अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर विधानसभा के गुरना के ग्रामीणों ने लाँक डाउन में एक मिशाल पेश की है।

गांव के युवाओं ने गांव तक सड़क पहुंचाने का जिम्मा उठा लिया। शुरूआत में इन युवाओं ने इस सड़क को दो पहिया चलाने लायक तो बना ही डाला है। अब वह इसे चौड़ा करने का कार्य कर रहे हैं।

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पहाड़ की पानी और जवानी भले ही पहाड़ के काम नहीं आती हो लेकिन जहां भी यक कायनात लगती है वहां का जरूर सकारात्मक बदलाव यही युवा करते हैं।

पलायन की मार से खाली पहाड़ में इस बार कई सालों बाद लॉक डाउन के चलते लोगो खास कर बाहर नौकरी करने वाले युवाओं का एक साथ रहना और मिलना हुआ।

मेल मुलाकात के दौरान गांव के विकास पर चर्चा हुई तो गुरना के युवाओं ने ​किस्मत को कोसने की बजाय एक बड़ा निर्णय ले लिया और कुदाल व फावड़े लेकर निकल पड़े एक नई नीव रखने।

रानीखेत रोड में द्वारसो के पास से इनके गावं के समीप तक साढ़े छह किमी सड़क बनी है लेकिन सड़क की नाम जहां पर खत्म हुई वहां से इनका गांव करीब 700 मीटर है इस दूरी तक के लिए सड़क नहीं थी और लोगों को मुख्य वाहन मार्ग के लिए या तो दौलाघट मार्ग जाना पड़ता है।

अब यह सड़क बन भी गई तो आधे किमी की अधिक की चढ़ाई चड़नी होगी लेकिन किसी बीमार या बुजु्र्ग को अस्पताल लाने ले जाने में आज भी इन्हें डोली या नेपाली की मदद लेनी पड़ती है। तब युवाओं ले खुद के श्रमदान से सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया उनका कहना था कि कम से कम दोपहिया वाहन भी उनकी बनाई सड़क में चलने लगे तो काफी है।

जो युवा इस कार्य में जुटे हैं उनमे कोई मुम्बई में इंजिनियर हैं तो कोई दिल्ली में कारोबारी। कोरोना संक्रमण के कारण कार्य प्रभावित होने से जनपद के सभी गांवों में युवा आ रहे है।

वर्षों से विधायक और सांसद को मांग पत्र दिया कुछ नही होने पर खुद ही गांव के रिवर्स पलायन किये लोगों ने सड़क बनाना शुरू कर दिया। अब उनका उत्साह देख बड़े बुजुर्ग भी उनके काम में पूरे उत्साह से हाथ बटां रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि युवाओं का यह जुनून जरूर गांव में सड़क पहुंचा देगा।

लॉक डाउन को गॉसिप का माध्यम बनाने के बजाय धरातल पर किया काम

लॉक डाउन के दौरान जब लोग घरों में बंद हो टिक-टॉक पर वीडियो बना रहे थे, गुरना गांव के युवाओं के मन में कुछ और ही चल रहा था। इन्होंने लॉकडाउन के दौरान गांव के लिए कुछ ऐसा किया, जिसकी सालों तक मिसाल दी जाएगी।


अल्मोड़ा जनपद हवालबाग ब्लाक के दौलाघट में स्थित गुरना गांव के युवाओं ने लॉकडाउन के समय का सही इस्तेमाल करने की ठानी और अपने गांव को सड़क सेवा से जोड़ दिया। गांव के युवाओं ने कठिन परिश्रम कर गांव में एक किलोमीटर रोड बना डाली, जिस पर चलकर अब लोग अस्पताल जा सकेंगे।

मुकेश जोशी नाम के युवा ने बताया कि कुछ महीने पहले होली में यह युवा घर आए थे। जब लॉकडाउन लगा तो दूसरे गांवों की तरह यहां के लोग भी घरों में कैद हो गए।

अब युवाओं के पास समय ही समय था, पर इसका इस्तेमाल कैसे करें, ये सूझ नहीं रहा था। इसी दौरान गांव के बुजुर्ग लोगों के मार्गदर्शन ने युवाओं को गांव में सड़क बनाने का सुझाव दिया। इस तरह देखते ही देखते युवाओं की एक टीम तैयार हो गई।

जिसने द्वारसों-सनोली मोटर मार्ग के पास स्थित पैदल रास्ते का चौड़ीकरण कर इसे सड़क में तब्दील कर दिया। मुकेश के अलावा हरिओम जोशी, ​हरीश चन्द्र जोशी, प्रधान हेम चन्द्र जोशी, राकेश जोशी, संतोष जोशी, पूरन चद्र जोशी आदि ने कहा कि यह मुहिम जारी है।

युवाओं की इस टीम में मनोज जोशी,हरिओम जोशी,राकेश जोशी,बॉबी जोशी,हर्षित जोशी,मोहित जोशी,हिमांशु जोशी, प्रियांशु जोशी, रोहित जोशी सहित कई सयाने लोग उनकी सहायता करते हैं।

सोशल मीडिया ग्रुप से भी होती है चर्चा

इन युवाओं ने गांव के विकास के लिए गुरना ग्रुप नाम से वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया है, जिसके जरिए युवा गांव के विकास पर चर्चा करते हैं। सड़क बनने के बाद दुपहिया वाहन गांव तक पहुंचने लगे हैं। फिलहाल सड़क गांव तक बनने से कुछ मीटर दूर है, इधर जनप्रतिनिधियों ने भी गुरना गांव के युवाओं के प्रयास की सराहना की।

हवालबाग के उपप्रमुख गोपाल सिंह खोलिया, व गुरना के ने कहा कि उम्मीद है युवाओं की यह रचनात्मकता भविष्य में भी बनी रहेगी। और क्षेत्र पंचायत सदस्य गुरना राहुल खोलिया ने कहा कि क्षेत्र के दूसरे युवाओं को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।