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Sankashti Chaturthi Upay:आज है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, करें यह उपाय, होगी आर्थिक तंगी दूर, तिजोरी रहेगी हरी भरी, नोट करें चंद्रोदय समय

Smriti Nigam
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Sankashti Chaturthi Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज 28 मार्च गुरुवार के दिन रखा जा रहा है। आपको बता दे कि इस भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। धन प्राप्ति के लिए आज के दिन कई उपायों का वर्णन किया गया है। आईए जानते हैं

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Sankashti Chaturthi Vrat: हिंदू शास्त्रों के अनुसार माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित होती है। इस दिन गणेश जी के पास बैठकर पूजा पाठ और व्रत करने का विधान है। आपको बता दे की चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 28 मार्च को है। इसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के साथ चंद्र देव की पूजा भी की जाती है।
जानें संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय के बारे में।

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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी2024
हिंदू पंचांग के अनुसार संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 28 मार्च को शाम 6:56 से होगा और चतुर्थी का समापन अगले दिन 29 मार्च रात 8:20 पर किया जाएगा।आज चंद्रोदय का समय रात 9:28 पर है। हर शहर में चंद्रोदय का समय अलग-अलग हो सकता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्र देव के दर्शन के बाद ही पूर्ण माना जाता है।

पूजा की विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे पहले भगवान गणेश का जलाभिषेक करना चाहिए। इसके बाद गणेश जी को पुष्प और फल अर्पित करने चाहिए और साथ ही पीले रंग का चंदन लगाना चाहिए। गणेश जी को बेसन का लड्डू या मोदक का भोग लगाये और संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें। आखिर में गणेश जी की आरती करें। शाम के समय चंद्रोदय के बाद चंद्र देव के दर्शन कर उन्हें अर्घ्य दें। इसके बाद ही व्रत पारण करें। आखिर में गणेश जी से पूजा के दौरान हुई भूल-चूक की क्षमा मांगें।

संकष्टी चतुर्थी के उपाय

-अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को 21 लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए और ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जप करें. इससे बुध की स्थिति मजबूत होती है।

– बुधवार के दिन कीनन या जरूरतमंदों को हरी चीजों का दान देना भी शुभ माना जाता है। इस दिन हरी चूड़ियां, हरी इलायची, मूंग दाल, हरे रंग के वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।

-अगर आप अपने जीवन में बड़ी से बड़ी समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 17 बार दूर्वा अर्पित करें। साथ ही, ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें. इससे बहुत जल्द आपकी समस्या हल होगी।

– कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन शमी के पेड़ का पूजन भी करना चाहिए। इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। शमी के पत्ते उन्हें अर्पित करने से दुख दरिद्रता दूर होती है और तिजोरी सदैव पैसों से भरी रहती है।