अभावों में खिलती हैं प्रतिभाएं (Talent):3 दशक से प्रधानाचार्य नहीं, प्रवक्ताओं के 8 पद रिक्त पर जीजीआईसी नमजला का परिणाम 93 प्रतिशत

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Talent blooms in scarcity: GGIC Namjala results 93 percent

मुनस्यारी/पिथौरागढ़, 08 जून 2022—अभावों में भी प्रतिभाएं(Talent) खिलती है, इस वाक्य को साबित किया है सीमांत तहसील की एकमात्र राजकीय इंटर कालेज नमजला (GGIC Namjala)की बालिकाओं ने।


इस इंटर कॉलेज की पूजा जोशी ने हाईस्कूल तथा महिमा मेहरा ने इंटर में बिना शिक्षिकाओं के ही 71 प्रतिशत अंक हासिल किए है। जबकि विद्यालय की व्यवस्थाओं को देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे।

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GGIC Namjala results 93 percent


क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकारी उपेक्षा का शिकार बने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नमजला (GGIC Namjala)की छात्राओं ने हाईस्कूल तथा इंटर के वोर्ड परीक्षा के परिणामों में अपना जलवा बिखेरा।


उन्होंने बताया कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नमजला का परीक्षा परिणाम 93 प्रतिशत रहा है। कोविड़ काल में इस इंटर कॉलेज की मात्र दस प्रतिशत छात्राओं के पास ही इंटरनेट शिक्षा की सुविधा उपलब्ध थी।


जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि ‘बीते दिनों इस विद्यालय में हुई बैठक में यह तथ्य उभर कर आया था कि आज भी बेटा तथा बेटी का भेदभाव इस रुप में जिंदा है कि परिजन बेटे को अच्छी शिक्षा के कथित केंद्र बने प्राइवेट स्कूलों में दाखिला कराते है ओर बेटियों को सरकारी स्कूलों में भेजते है। उसके बाद भी बेटियां गगन को छूने का हौंसला अपने मन में रखे हुए है।


खस्ताहाल बालिका इंटर कॉलेज नमजला(GGIC Namjala) की बात करते है। बकौल मर्तोलिया ”इस विद्यालय में तीन दशक से प्रधानाचार्या का पद रिक्त चल रहा है। प्रवक्ता के नौ पदों पर मात्र एक में संस्कृत विषय की प्रवक्ता तैनात है, जिसके पास प्रधानाचार्या का अतिरिक्त प्रभार है।

सहायक अध्यापिका के पदों में भी तीन पद रिक्त है। एक तैनात शिक्षिका बिना वेतन के ही अवकाश में जाने से चार पदों पर रिक्ति बनी हुई है। मौजूद शिक्षिकाओं द्वारा शिक्षिकाओं की भारी कमियों के बाद भी बालिकाओं को विषय वार पढ़ाने को कोशिश की जाती है, लेकिन एक नियमित शिक्षिकाओं की कमी इन बालिकाओं के भविष्य पर सवाल खड़े करता है। काश इस विद्यालय में पूर्ण स्टाफ होता तो यहां की बालिकाएं कथितअच्छी शिक्षा के नाम पर चल रहे प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ देती।”
दो दशक से यहां शिक्षिकाओं के अभाव में विज्ञान की कक्षाएं भी बंद पड़ी हुई है।
एक लिपिक तैयार है। चतुर्थ श्रेणी का एक भी कार्मिक नहीं है।


इन अभावों में बिना शिक्षिकाओं के नियमित ज्ञान वर्धन के बावजूद भी दो बालिकाओं ने आसमां को छू कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। अन्य बालिकाओं ने भी 93 प्रतिशत परीक्षा परिणाम पहुंचाकर ” लड़की हूं लड़ सकती हूं” के नारे को चरितार्थ कर दिखाया है।


हाईस्कूल में ग्राम पंचायत सेरा सुराईधार की बेटी पूजा जोशी पुत्री उषा तथा भुवन जोशी ने 71 प्रतिशत अंक तथा इंटर में ग्राम नमजला की महिमा मेहरा पुत्री मीना तथा रमेश मेहरा ने 71.2 प्रतिशत अंक हासिल कर बालिका इंटर कॉलेज नमजला को अचानक चर्चाओं में ला दिया है।


प्रधानाचार्या सुश्री नीमा आर्या ने बताया कि बालिका इंटर कॉलेज हर पहलू से बेहतर प्रदर्शन की ओर जा रहा है। इसके लिए अतिरिक्त प्रयास शिक्षिकाओं द्वारा किया जाता है।