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जिंदगी की जंग हार गए राज्य आंदोलनकारी नवीन, पत्नी व पांच बच्चों के सामने रोजी रोटी का सवाल

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा-: वादों आश्वासनों व नारों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के सामने राज्य निर्माण के लिए सबकुछ झोंकने वाले नवीन राम जिंदगी की जंग हार गए |
राज्य आंदोलनकारियों की बैठक मे सकन्याडी डालाकोट निवासी राज्य आंदोलन कारी नवीन राम की बीमारी से आकस्मिक मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी गयी तथा कहा गया कि राज्य आंदोलनकारी नवीन राम अपने पीछे 4 लडकिया व एक 5 वर्षीय पुत्र एवं पत्नी को छोड़ गये है वे किसी तरह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे उनकी मृत्यु से परिवार मे अब कमाने वाला कोई नही रहा।इसलिये उनको मिल रही पैंशन उनकी पत्नी को दी जाय शोक सभा से पूर्व राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा तो प्राप्त है लेकिन उसका लाभ केवल राजकीय चिकित्सालयों मे ही मिलता है जिससे इस सुविधा का कोई ख़ास लाभ आंदोलनकारियों को नही मिल पा रहा है इसी का परिणाम है कि नवीन राम भी एक सप्ताह पूर्व जब बीमार पड़े उन्हें हल्द्वानी सुशीला तिवारी बेस चिकित्सालय (मेडिकल कॉलेज) ले जाया गया संशाधनों के अभाव मे उनका इलाज नही हो पाया और उनकी मृत्यु हो गयी राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को निशुल्क चिकित्सा के कार्ड दिये जाय जो उत्तराखंड के भीतर किसी भी चिकित्सालय मे निःशुल्क चिकित्सा हेतु मान्य हो जरूरत पड़ने पर सरकार राज्य के बाहर भी उनके इलाज की व्यवस्था करे राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि अब लगभग सभी राज्य आंदोलनकारी वृद्धावश्ता व बीमारियो से ग्रसित है इस समय अधिकाँश आंदोलनकारियों को इस सुविधा की अत्यन्त आवश्यकता है आज शोक सभा मे ब्रहमानंद डालाकोटी महेश परिहार गोपाल मेहता शिवराज बनौला नवीन चन्द्र डालाकोटी बसंत जोशी दीवान बनौला गोपाल सिंह बनौला मुमताज कश्मीरी कुंदन सिंह हरी राम आदि उपस्थित थे।

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