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कोसी नदी से लगे इस गांव में पानी के लिए परेशान हैं लोग,काश्तकारी पर भी पड़ रहा है असर धर्मनिरपेक्ष युवा मंच ने उठाई मांग

Newsdesk Uttranews
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उत्तरा न्यूज अल्मोड़ा। धर्मनिरपेक्ष युवा मंच के गाँव चलो अभियान के तहत मंच के सदस्यों हवालबाग ब्लॉक के ग्राम ज्योली व छाना गाँव का भ्रमण कर ग्रामीणों के साथ बैठक की गई। जिसमें गांव की विभिन्न योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया ।

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ज्योली की नवनिवार्चित प्रधान रेखा देवी,भूपाल राम,कमल पंत,नीरज पंत,राजन सिंह,पूवॅ प्रधान भूपाल राम,रेवती देवी,शोभा देवी,कमला देवी आदि ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि अल्मोड़ा शहर की पेयजल आपूर्ति करने वाली कोसी नदी के समीप बसे ज्योली गाँव में पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पेयजल की विकराल समस्या है।

ज्ञापन में कहा कि ग्रामीणों को कई बार आश्वस्त करने के बावजूद आज तक पेयजल आपूर्ति के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है,ग्रामीणों का कहना है कि हर बार आश्वासन के बावजूद पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत की आपूर्ति की आस लगाये ग्रामीणों को ठगा गया है,पेयजल की विकराल समस्या का समाधान भी ग्रामीणों द्वारा बताया गया,ग्रामीणों का कहना है कि उनके गाँव से लगभग एक किमी दूरी पर कुढमरिया गधेरा हैं।

कहा कि जहां प्राकृतिक जल-स्रोत हैं,जिसमें बारहों मास 24 घंटे पानी बहता रहता है,इस बहते प्राकृतिक जल स्रोत का किसी प्रकार का कोई उपयोग नहीं होता है,ज्ञात रहें कि जल-संरक्षण सरकार की नीति का हिस्सा भी है,ग्रामीणों का कहना है कि यदि पम्पिंग द्वारा स्रोत के इस जल को ग्राम सभा ज्योली में लिफ़्ट किया जाए,साथ ही ज्योली में पेयजल स्टोरेज टंकी का निर्माण किया जाए,तो निश्चित रूप से ज्योली गाँव में पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएंगा।

ग्राम छाना में ग्रामीणों के साथ बैठक में ग्राम-प्रधान दीपा अधिकारी, दीपक अधिकारी,हिमानी मेहरा,काश्तकार राजेन्द्र अधिकारी,काश्तकार नन्दन सिंह,ठाकुर सिंह,आन्नद सिंह,पान सिंह आदि ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि अल्मोड़ा नगर से लगे हुए गाँव छाना जो हर सीजन की अल्मोड़ा शहर व आस-पास के इलाकों में बहुतायत में सब्जियों की आपूर्ति करता है,में राजनैतिक,-प्रशासनिक विजन व इच्छाशक्ति के आभाव में सिंचाई की योजना तक नहीं है,ग्रामीणों ने अफसोस जाहिर करते हुए बताया कि छाना में अधिकतर परिवार पूर्णतः अपनी आजीवका के लिए काश्तकारी पर निर्भर है,स्वयं के प्रयोगों से उन्होंने बहुत कम पानी में भी अच्छी फसल-सब्जियों का उत्पादन किया हैं,काश्तकारों का कहना है कि यदि सम्बन्धित विभागों का गंभीर व निरंन्तर सहयोग,समय पर सब्सीङाइज उन्नत बीज की आपूर्ति व सब्जियों के विपरण की ठोस नीति होती तो निश्चित रूप से उनके गाँव में न केवल काश्तकारों की आमदनी कई गुना बढ़ जाती बल्कि गाँव से छोटी-मोटी नौकरी के लिए पलायन कर चुके ग्रामीण वापस आकर खेती को आजीविका का माध्यम बनाते,ग्रामीणों का कहना है कि इतने बङे खेती प्रधान गाँव में आजतक कभी कृषि मेला तक नहीं लगा,सिंचाई की आपूर्ति का समाधान भी ग्रामीणों द्वारा दिया गया,ग्रामीणों का कहना है कि कल्प-वृक्ष के(कपशयानी तोक) प्राकृतिक स्रोत हैं,जिसके पानी का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है,चूंकि गाँव के समीप एक बड़ी टंकी बनी है,केवल इस स्रोत जिसमें प्रचुर मात्रा में साल भर पानी बहता रहता है,को लिफ्ट कर गाँव में बनी टंकी तक पहुंचा दिया जाएँ,तो सिंचाई के लिए पयाॅप्त पानी की व्यवस्था हो जाएंगी।

कहा कि ज्योली,छाना व आस-पास के क्षेत्रों में बाघ का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि ग्रामीणों ने गोधुली के बाद घर से निकलना ही छोङ दिया है,साथ ही बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है,वन-विभाग द्वारा इस जानलेवा समस्या का शीघ्र निदान किया जाए।
मंच व ग्रामीण उपरोक्त समस्याओं व संभावनाओ के शीघ्र समाधान की मांग करता है।

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