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औरंगाबाद ट्रेन हादसा: पीपीआई(डेमोक्रेटिक) ने केंद्र सरकार को ठहराया मजदूरों की मौत(Death of labour) का जिम्मेदार

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 09 मई 2020
महाराष्ट्र के औरंगाबाद(Aurangabad) जिले में रेलवे ट्रैक पर हुए दर्दनाक हादसे की पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) ने
कड़ी निंदा की है और इस हादसे के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

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पीपल्स पार्टी आफ इंडिया(डेमोक्रेटिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीडी बोरकर(BD Borkar) ने कहा कि समय रहते सरकार ने मजदूरों (labour) की समस्याओं की ओर ध्यान दिया होता तो आज यह इतना बड़ा हादसा नहीं होता. पीपल्स पार्टी आफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) ने मारे गए मजदूरों (labour) के परिवारों के साथ गहरी संवेदना प्रकट की है.

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने बिना तैयारी के ही लॉक डाउन(Lock Down) की घोषणा की, जबकि लॉक डाउन लागू करने से पहले कुछ आवश्यक कदम उठाने चाहिए थे और देश की वर्तमान परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए आने वाली समस्याओं से निपटने के इंतजाम भी करने चाहिए थे, जिसमें केंद्र सरकार बिल्कुल नकारा साबित हुई है और इस मामले में पूर्ण रूप से असफल सिद्ध हुई है.

पार्टी ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन भेजकर चेताया था कि बिना तैयारी और बिना पुख्ता इंतजाम और बिना किसी ठोस योजना के लॉक डाउन की घोषणा से देश में अनेक समस्याएं आने वाली है और विशेषकर मजदूरों (labour) के संबंध में, दूसरे देशों से जहां लोगों को हवाई जहाज से लाया जा रहा है वहीं मजदूरों के लिए बसों व ट्रेनों की व्यवस्था करने में भी सरकार असफल सिद्ध हुई है. इससे सरकार की मजदूरों के प्रति भेदभाव व लापरवाही की नीति भी उजागर होती है.

देश में अभी भी लाखों मजदूर (labour) विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं सरकार को इनके रोजगार व इनके आने जाने की ओर ध्यान देना चाहिए तथा सरकारी गोदामों से अनाज बांटने की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए.

पीपल्स पार्टी आफ इंडिया(डेमोक्रेटिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीडी बोरकर (BD Borkar) ने मजदूरों (labour) के साथ प्रवासी लिखने पर भी आपत्ति दर्ज की है उन्होंने कहा कि इस देश में ही रहने वाले प्रवासी कैसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा मजदूर तो मूलनिवासी है जो इस देश में रहकर ही अपना गुजर बसर कर रहे है.

बीडी बोरकर ने कहा कि केंद्र सरकार एक सप्ताह के भीतर मजदूरों (labour) के आने जाने के लिए आंकड़े इकट्ठा करें और एक सप्ताह के अंदर उनके आने जाने की समुचित व्यवस्था करें.

मजदूरों (labour) के लिए चलाई जा रहे वाहन अभी भी पर्याप्त नहीं है. मजदूरों (labour) के लिए पर्याप्त ट्रेन चलाकर घर भेजा जाए और काम शुरू होने पर उन्हें वापस काम पर लौटने की भी उचित व्यवस्था की जाए ताकि देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकें.