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गृह सचिव के बाद अब कार्यवाहक डीजीपी को हटाने को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, जाने वजह

Smriti Nigam
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लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है और अब अधिकारियों को हटाने को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। उत्तराखंड के मुख्य विपक्षी कांग्रेस के कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार को तत्काल हटाने की अब मांग की जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने इस बारे में चुनाव आयोग को पत्र लिखा।

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बीजेपी के है नजदीक

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का कहना है कि डीजीपी का पद संभालने से पहले अभिनव कुमार सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रमुख सचिव रह चुके हैं और वह बीजेपी के काफी नजदीक है इसलिए उनके डीजीपी रहते हुए राज्य में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता।

व्यवहार को देखते हुए तत्काल हटाने की मांग

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी केस में डीजीपी का बयान सरकार के बचाव में आया था जो वर्तमान पद की गरिमा के खिलाफ है। करन माहरा ने चुनाव आयोग से डीजीपी अभिनव कुमार के व्यवहार को देखते हुए तत्काल हटाने की मांग की है।

कौन हैं आईपीएएस अभिनव कुमार

उत्तराखंड के कार्यवाहक डीजीपी का कार्यभार आईपीएएस अभिनव कुमार ने 1 दिसंबर 2023 को ग्रहण किया। 53 साल के अभिनव कुमार 1996 बैच के आईपीएस हैं। 1996 बैच के IPS अभिनव कुमार हरिद्वार और देहरादून पुलिस कप्तान रहे हैं। अभिनव ने कुछ दिनों तक आईजी गढ़वाल के पद पर भी सेवा दी जिस वक्त जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाई गई थी,अभिनव कुमार वहीं पर थे। डीजीपी बनने से पहले वह मुख्यमंत्री के सचिव भी रह चुके हैं। उत्तराखंड गठन के बाद अभिनव कुमार यहां आ गए थे। वह 2009 में डीआईजी और 2014में आईजी बने।

गृह सचिव को हटाया

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद 6 राज्यों के गृह सचिवों ( उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और हिमाचल प्रदेश )को हटा दिया था। जिसमें उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली का नाम शामिल है। अब नए गृह सचिव के लिए राज्य के पैनल की ओर से तीन नामो का प्रस्ताव आया है। आईएएस अधिकारी शैलेश बगोली सचिव गृह के साथ ही कारागार व मुख्यमंत्री के सचिव की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। माना जा रहा है कि गृह सचिव शैलेश बगोली को हटाने का एक कारण ये भी है कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भी सचिव हैं।