लखनऊ, 14 जून (आईएएनएस)। प्रादेशिक कोऑपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ) में लंबे समय बाद मुलायम परिवार का कब्जा खत्म हो गया है। मंगलवार को हुए चुनाव में सभापति पद पर भाजपा के वाल्मीकि त्रिपाठी और उप सभापति पद पर रमाशंकर जायसवाल निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
इससे पहले फेडरेशन की 14 सदस्यीय कमेटी में से भाजपा के 11 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। अभी तक मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव बेटे आदित्य यादव पिछले दस साल से पीसीएफ के सभापति थे।
पीसीएफ ही एकमात्र ऐसी संस्था थी, जिसका चुनाव भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में नहीं हो सका था। सभापति और उप सभापति के चुनाव में किसी और दल के दखल की कोई उम्मीद पहले से नहीं थी। यूपी सहकारिता चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका है जब सपा किसी भी शीर्ष संस्था पर काबिज नहीं हो सकी है। यूपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक, यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड, यूपी राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड के साथ अन्य शीर्ष सहकारी संस्थाओं पर भाजपा का झंडा पहले ही फहरा चुका है।
पीसीएफ पर भी यादव परिवार का ही कब्जा रहा है। मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने परिवार के सदस्यों को सहकारी संघ और संस्थाओं में पदों पर बिठाया था। शिवपाल के बेटे आदित्य यादव ही पिछले 10 सालों से सभापति की गद्दी पर बैठे हुए थे। हालांकि इस बार उन्होंने प्रबंध समिति सदस्य के लिए ही नामांकन नहीं किया।
प्रबंध समिति का चुनाव लंबे इंतजार के बाद हो रहा है। 2016 से प्रसपा नेता शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव पीसीएफ सभापति रहे हैं। उनका कार्यकाल 2021 में ही पूरा हो गया था। उसके बाद से चुनाव की अटकलें लग रही थीं।
उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग ने सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया एक जून से शुरू की थी। 14 में से 11 सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन भी हुआ। सामान्य के एक पद व महिलाओं के लिए आरक्षित दो पदों के लिए किसी ने नामांकन नहीं किया इसीलिए तीन पद खाली रह गए हैं। आगे सरकार महिलाओं के दो पदों पर मनोनयन कर सकती है।
–आईएएनएस
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