विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(Vpkas) ने तवांग के किसानों को वितरित किये मंडुवा— मादिरा थ्रेसर

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Vpkas distributed Manduwa-Madira threshers

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Vpkas distributed Manduwa-Madira threshers to the farmers of Tawang

अल्मोड़ा, 14 अक्टूबर— भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(Vpkas) के उत्तर पूर्वी हिमालय (एनईएच) कार्यक्रम के अर्न्तगत अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न (श्री अन्न) वर्ष 2023 को मनाने के उद्देश्य से भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र तवांग में मंडुवा-मादिरा थ्रेसर का प्रदर्शन एवं वितरण कार्यक्रम तथा कृषक -वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम में ब्लेटिंग, बुरी, जिप्सू, खारटेंग, किटपी, लुम्त्सांग, नामिट, शक्ति और शेरनुप गांवों के 20 कृषकों ने भाग लिया। तवांग के उपायुक्त श्री के. दरांग कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे।


कार्यक्रम के आरम्भ में सी.के. सिह, विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान, कृषि विज्ञान केन्द्र, तवांग ने सभी अतिथियों तथा कृषकों का स्वागत किया।


भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(Vpkas) अल्मोड़ा के निदेशक डा. लक्ष्मी कान्त ने जिले में मडुवा का बढ़ावा देने के लिए संस्थान द्वारा की गई पहल, विशेष रूप से जल्दी पकने वाली व उच्च उपज प्रजाति वीएल मडुवा 376 के सफल अंगीकरण तथा कृषक सहभागिता से बीज उत्पादन हेतु संस्थान के प्रयास की जानकारी दी।

उन्होंने मडुवा की पारम्परिक थ्रेशिंग प्रणाली की कमियों पर प्रकाश डालते हुए कठिन श्रम व समय की बचत के सन्दर्भ में वीएल मडुवा-मादिरा थ्रेसर कम पर्लर के लाभ बताये। उन्होने श्री दरांग से थ्रेसर को जिले अधिक से अधिक किसानों के मध्य पहँुचाने हेतु इसे राज्य सरकार की सब्सिडी योजना में शामिल का अनुरोध किया। उन्होंने कृषकों को उनके द्वारा उत्पादित मंडुवा के अधिक मूल्य प्राप्त करने हेतु जैविक प्रमाणीकरण में सहयोग की भी जानकारी दी।

Vpkas
Vpkas distributed Manduwa-Madira threshers


सभा को संबोधित करते हुए उपायुक्त, तवांग के. दरांग ने कृषि विज्ञान केन्द्र, तवांग के सहयोग से भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा की गई पहल की सराहना की और जिला प्रशासन से हर संम्भव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कृषकों से आग्रह किया कि वे उत्पादन लागत कम करने तथा आय बढ़ाने के लिए नई फसल प्रजातियों एवं कृषि तकनीकियों को अपनाये।


जिला कृषि अधिकारी टी. बाम ने कृषकों के लिए नई कृषि तकनीकियों को सुलभ बनाने तथा कृषि संम्बन्धी समस्याओं के निराकरण हेतु विभाग की ओर से हर संम्भव मदद देने का प्रस्ताव रखा। कृषकों हेतु वीएल मिलेट थ्रेसर कम पर्लर की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया गया तथा उपायुक्त के. दंराग और डा. लक्ष्मी कान्त द्वारा कृषकों को सामुदायिक उपयोग हेतु 13 थ्रेसर वितरित किये गये।

डा. लक्ष्मी कान्त ने तकनीकियों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु सी.के. सिंह का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, डा.निर्मल कुमार हेडाऊ, डा. राजेश कुमार खुल्बे, डा. दिनेश चन्द्र जोशी, डा. हितेश बिजारनिया, एसडीओ के.बी. कायस्थ तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, तवांग के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।