फोन रीस्टार्ट करने में है फायदा या पावर ऑफ करने में, इस सीक्रेट के बाद कभी खराब नहीं होगा आपका मोबाइल

Smriti Nigam
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आज के समय में फोन सभी के लिए बेहद जरूरी हो गया है लेकिन क्या आप कभी सोचते हैं कि इसमें दो ऑप्शन पावर ऑफ रीस्टार्ट का क्यों दिया जाता है? जब यह दोनों एक तरह का काम करते हैं तो आईए जानते हैं कि इनमें क्या फर्क होता है

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फोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है और अब लोगों के छोटे बड़े सभी तरह के काम फोन पर ही होते हैं फोन नया-नया रहता है तो चलाने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन जैसे-जैसे पुराना होता है इसमें कई सारी दिक्कतें आने लगते हैं। कई बार फोन फ्रीज हो जाता है और डिवाइस को तुरंत स्विच ऑफ कर देता है ताकि यह दोबारा ऑन कर फोन ठीक से चलने लग जाए।

फोन में हमें पावर ऑफ और रिस्टार्ट दोनों ऑप्शन दिए जाते हैं। पावर ऑफ करने से फोन बंद हो जाता है और उसे हमें फिर से खोलना पड़ता है। वहीं रिस्टार्ट किया तो फोन अपने आप बंद होकर ऑन हो जाता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दोनों का काम एक जैसा तो दो ऑप्शन देने का फायदा किया है, और इन दोनों ऑप्शन से फोन में क्या होता है। हर हफ्ते अपने फोन को रीस्टार्ट करने से मेमोरी लीक रोकने में मदद मिलती है बैटरीज प्लस द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है की मेमोरी लीक तब होती है, जब किसी ऐप को कम करने के लिए बड़ी मात्रा में मेमोरी चाहिए होती है लेकिन जब ऐप इस्तेमाल में नहीं होता है तो मेमोरी खाली नहीं होती है।

अपने फोन को रिस्टार्ट करने से कनेक्टिविटी में आने वाली परेशानियों में मदद मिल सकती है। पुराने स्मार्टफोन कभी-कभी डेटा और Wifi से कनेक्ट नहीं हो पाते हैं और फोन को रीस्टार्ट करने पर उसे फिर से कनेक्ट करना पड़ेगा।

अपने फोन को पावर ऑफ करने से इसके कैशे डेटा को साफ करने में मदद मिलेगी, जिससे आपका फोन को ज्यादा से ज्यादा ऑपरेट किया जा पाएगा।

फोन को शटडाउन और रीस्टार्ट करने के अलावा आपको फोन के बैकग्राउंड में चलने वाले एप्स को भी क्लियर करते रहना चाहिए फोन चलाने के दौरान इसे बैटरी पर प्रभाव पड़ता है।

फोन को रिस्टार्ट करना आम तौर पर तब होता है जब फोन हैंग करता है, ऐप्स सही से नहीं चलती है, और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी आने लगती है लेकिन ये एक अच्छी प्रैक्टिस भी है, जिससे फोन अच्छे से चलता है।