स्यूनराकोट अग्निकांड हादसे में प्रभावित सभी 4 ने तोड़ा दम, अनाथ हुए चार बच्चे

editor1
3 Min Read

All four affected in the Sunrakot fire accident died, four children became orphans

अल्मोड़ा,05 मई 2024- अल्मोड़ा के स्यूनराकोट के जंगल में गुरुवार को लगी भीषण आग में झुलसे सभी 4 प्रभावितों ने दम तोड़ दिया है।


मामले में दो लीसा श्रमिकों का घटना के दिन ही निधन हो गया था। वहीं सुशीला तिवारी रेफर की गई दो में से एक महिला तारा ने भी शुक्रवार को दम तोड़ दिया। जबकि एम्स ऋषिकेष को रेफर की गई पूजा ने भी रास्ते में दम तोड़ दिया।


स्यूनराकोट में आग बुझाने का प्रयास करते हुए यह चारों झुलस गए थे। सभी को उपचार के लिए अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज लाया गया जहां दीपक को मृत घोषित कर दिया गया था। वहीं अन्य को सुशीला तिवारी हल्द्वानी रेफर किया गया। इस बीच एक अन्य श्रमिक ज्ञानेश ने भी दम तोड़ दिया था।

बेस अस्पताल के सीएमएस डॉ अशोक ने बताया कि अस्पताल में आग से झुलसे हुए तीन लोगों को लाया गया था। दीपक बहादुर की पहले ही मौत हो गई थी। घायलों में शामिल लोग करीब 90 प्रतिशत से अधिक जल चुके थे। प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें हल्द्वानी रेफर किया गया। वहीं इलाज के दौरान एक अन्य लीसा श्रमिक ज्ञानेश ने भी दम तोड़ दिया था। तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी भेजा गया।


बताते चलें कि मृतकों में दीपक पुजारा 35 वर्ष व ज्ञान बहादुर 40 साल हैं। इसके अलावा पूजा पत्नी ज्ञान बहादुर और तारा पत्नी दीपक पुजारा को अत्यंत गंभीर हालत में गत दिवस हल्द्वानी रेफर कर दिया गया था। जहां एक महिला तारा ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया, दूसरी महिला पूजा को एम्स ऋषिकेष रेफर किया था वहां पहुंचने से पहले ही रास्ते में उनकी मौत हो गई।


इधर शनिवार को सभी शव बेह स्यूनराकोट‌ लाए गए, उनके उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर रहने वाले परिचित व रिश्तेदार भी पहुंच गए थे। पूर्व प्रमुख रमेश भाकुनी की मदद से सभी का राम मंदिर पातलीबगड़ में अंतिम संस्कार किया गया। दोनों परिवारों के दो-दो मासूम बच्चे हैं,जो घटना के बाद अनाथ हो गए हैं। वर्तमान में बेह में ही रमेश भाकुनी और ब्लॉक प्रमुख बबीता भाकुनी ने उन्हें आश्रय दिया है। वन विभाग ने भी पूरी मदद का आश्वाशन दिया है।