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दुखद : चिर निद्रा में सो गया अल्मोड़ा का लाल

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। मई माह में नंदो देवी पूर्वी क्षेत्र से आरोहण को निकले 8 पर्वतारोहियों में से 7 के शव मिल गये है। हिम स्खलन का शिकार हुएए पर्वतारोहियो में अल्मोड़ा के चेतन पाण्डे भी शामिल है। चेतन इस दल में बतौर लाइजन अफसर के रूप में गये थे। मारे गये पर्वतारोहियों में चेतन पाण्डे की पहचान होने के बाद से उनके घर पर मातम पसरा हुआ है। उनके जानने वाले सहज ही विश्वास नही कर पा रहे कि चेतन अब उनके बीच में नही है। बरहहाल यही सच है कि चेतन पाण्डे इस दुनिया को छोड़ चिर निद्रा में विलीन हो चुके है। चेतन के शव को हल्द्वानी में पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंपा जायेगा। चेतन के भाई हिमांशु पाण्डे इस समय हल्द्वानी पहुंच चुके है। लक्ष्मेश्वर निवासी चेतन पाण्डे के पिता एसएसबी से रिटायर्ड है।

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चेतन पाण्डे फाइल फोटो

ज्ञातव्य है कि 7434 मीटर ऊंची नंदा देवी चोटी को पूर्वी हिस्से से फतह करने के लिए विगत 10 मई को पर्वतारोहियों का यह दल मुनस्यारी से रवाना हुआ था। इस दल में ब्रिटेन निवासी और टीम लीटर मार्टेन मोरन, ब्रिटेन के ही जॉन मैकलारेन, रूपर्ट व्हीवैल, रिचर्ड पायने, आस्ट्रेलिया की रूथ मैककेन्स, अमेरिका निवासी एंथनी सुडेकुम, रोनाल्ड बाइमल और भारतीय लाइजन अफसर चेतन पांडेय शामिल थे।

https://uttranews.com/2019/06/06/three-attempts-to-reach-dead-bodies-failed-dead-bodies-of-climbers-found/

25 मई को हिम स्खलन होने से 12 पर्वतारोहियों का दल फंस गया था। इस टीम के चार सदस्य किसी तरह से बेस कैंप तक वापस आ गये थे। जिसके बाद उन्हे रेसक्यू कर पिथौरागढ़ लाया गया था। जबकि एक भारतीय सहित 7 विदेशी पर्वतारोही हिम स्खलन का शिकार होने से लापता हो गये थे। दल में अल्मोड़ा के पर्वतारोही चेतन पाण्डे भी शामिल थे। बाद में प्रशासन ने काफी देरी से रेसक्यू अभियान शुरू किया था। लगभग एक सप्ताह बाद शुरू हुए रेसक्यू अभियान में मौसम सबसे बड़ी बाधा बना। बार बार मौसम खराब होने से अभियान में काफी बाधाये आई। एक पर्वतारोही अभी भी लापता है।

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