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Supreme Court Electoral Bonds Case: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से मांगी कल तक पूरी डिटेल

Smriti Nigam
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Supreme Court Electoral Bonds Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलेक्टोरल बॉन्ड (चुनावी बॉन्ड) से जुड़े मामले को लेकर अहम सुनवाई हुई। भारतीय स्टेट बैंक ने राजनीतिक पार्टियों की ओर से बनाए गए चुनावी बांड के ब्योरे का खुलासा करने के लिए और समय मांगा था।

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लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की इस अर्जी को खारिज कर दिया और उनसे कल तक सारी जानकारी देने को कहा है। सोमवार की सुनवाई के दौरान भारतीय स्टेट बैंक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरि साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बैंक को चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए और अधिक समय की जरूरत है।

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एसबीआई ने पेश की दलील
सॉल्वे का कहना है कि एसबीआई की एकमात्र समस्या यह है की पूरी प्रक्रिया को फिर से उलटना पड़ेगा। स्कीम की एसओपी के कारण कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया था कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा है कि उसने अपने फैसले में बैंक से मिलन अभ्यास करने के लिए नहीं कहा था। हमने अपने निर्णय में स्पष्ट खुलासा करने के लिए कहा है इसलिए यह कहते हुए समय मांगना की एक मिलन अभ्यास किया जाना है सही नहीं है, हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको समय दिया था। आपने अब तक क्या किया? 6 मार्च तक जानकारी देनी थी। पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए? आपकी अर्जी में इसे लेकर कुछ नहीं बताया गया। सारी जानकारी मुंबई की ब्रांच के पास है। कोर्ट ने कहा कि हमने डेटा मांगा था। दिक्कत कहां आ रही है, लिफाफा खोलिए, आंकड़ा उपलब्ध कराइए।

एसबीआई की अर्जी खारिज
कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दलों ने पहले ही अपने द्वारा किए गए नगदी कारण का विवरण दे दिया था। खरीदारों का विवरण पहले से उपलब्ध है। एसबीआई की दलीले यह संकेत देती है की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकती है।30 जून 2024 तक समय बढ़ाने की मांग करने वाली एसबीआई की इस याचिका को खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने एसबीआई से कल तक की लिए जानकारी देने को कहा है जिसे चुनाव आयोग को 15 मार्च तक वेबसाइट पर डालना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को चेतावनी दी कि अगर कल कामकाजी समय बंद होने से पहले चुनावी बॉन्ड की जानकारी नहीं दी गई तो वह एसबीआई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगा।

कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को किया था रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने बीती 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ”असंवैधानिक” करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।

एसबीआई ने चार मार्च को राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।