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भारत आ रहे रूसी राष्ट्रपति, इन 10 अहम समझौते पर होगा करार

Newsdesk Uttranews
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उत्तरा न्यूज डेस्क
5 नवंबर 2021

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सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा तो सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही होगी लेकिन यह भारत व रूस के द्विपक्षीय रिश्तों को काफी मजबूत कर देगी। आपको बता दें की पुतिन और पीएम Modi के बीच कुछ देर अकेले में भी बातचीत होगी और इन दोनों की अगुवाई में भारत-रूस 21वां वार्षिक शिखर सम्मेलन भी होगा। सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच technology,रक्षा, energy, space, कारोबार जैसे 5 important क्षेत्रों में 10 important समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। दोनों तरफ के अधिकारियों का कहना है कि ये समझौते बदलते वैश्विक भू-राजनीतिक हालात में भारत व रूस के बीच आपसी सहयोग को व्यापक विस्तार देने वाले साबित होंगे।

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घरेलू संकट की वजह से कुछ घंटे भारत में गुजारने का फैसला

Reports के मुताबिक corona और यूक्रेन संकट की गंभीर स्थिति के बावजूद पुतिन ने New Delhi आने का फैसला कर साफ संकेत दिया है कि भारत के साथ रूस की पुरानी दोस्ती आगे भी relevant बनी रहेगी। संभवत: घरेलू संकट की वजह से ही पुतिन ने सिर्फ कुछ घंटे भारत में गुजारने का फैसला किया है, लेकिन उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू एक दिन पहले भारत पहुंचेंगे। सोमवार की सुबह शोइगू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में military technology सहयोग की बैठक होगी। इसी दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री लावरोव कूटनीतिक व भू-राजनीतिक हालात पर अलग चर्चा करेंगे।

दोनों देशों की पहली टू प्लस टू वार्ता होगी

आपको बता दें की इन बैठकों के बाद दोनों देशों की पहली टू प्लस टू वार्ता होगी जिसमें दोनों रक्षा मंत्री व दोनों विदेश मंत्री अध्यक्षता करेंगे। रिश्तों में नरमी के speculation को खत्म करेगी यात्रा पुतिन की यह यात्रा भारत व रूस के पारंपरिक रिश्तों में ढलान आने के कयासों को भी खत्म करने वाली साबित होगी। पुतिन की तरफ से December 2019 की प्रस्तावित यात्रा को टालना, लावरोव का बतौर रूस के विदेश मंत्री पहली बार पाकिस्तान जाना, international मंचों पर चीन को मदद, America से भारत की बढ़ती नजदीकियां, quad की स्थापना आदि के चलते कई experts ने यह लिखना शुरू कर दिया है कि भारत व रूस के बीच रिश्तों में अब पुरानी गर्माहट नहीं रहेगी। दोनों देशों के अधिकारी द्विपक्षीय समझौतों के प्रारूप को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इसको लेकर दोनों देशों के बीच विभिन्न तरह की 15 कार्यसमितियां काम कर रही हैं।

ऊर्जा क्षेत्र पर होगी अहम चर्चा

ऊर्जा क्षेत्र पर होगी अहम चर्चा सूत्रों के मुताबिक पीएम Modi की septmber 2019 में रूस के सुदूर पूर्व हिस्से की यात्रा करने के बाद दोनों देशों में energy क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। सोमवार को ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने को लेकर अहम चर्चा भी होगी और समझौते भी होंगे। कारोबार और conectivity को लेकर भी दोनों तरफ से कुछ announcment होने की उम्मीद है। खास तौर पर सुदूर पूर्व रूस के व्लादिस्तोक बंदरगाह को Chennai बंदरगाह से जोड़ने की योजना को लेकर। अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग प्रगाढ़ करने के लिए एक अलग मसौदे पर बात हो रही है। इस क्षेत्र में रूस भारत का पुराना साझीदार है। वर्ष 2023 में भारत के गगनयान योजना के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में ही trainning दी जा रही है।

पुतिन के दौरे पर America समेत पड़ोसियों की भी नजर

पुतिन के दौरे पर America समेत पड़ोसियों की भी नजर पुतिन के दौरे और इस दौरान होने वाले रक्षा समझौतों पर पड़ोसी देशों चीन व Pakistan के साथ ही America की भी नजर होगी। America की धमकियों को नजरअंदाज कर भारत ने रूस से एंटी मिसाइल system एस-400 की पहली खेप हासिल कर ली है। दूसरी खेप अगले कुछ हफ्तों में आने की उम्मीद है जबकि इस system की और खरीद करने की संभावना को लेकर भी दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है। America ने रूस से technology व हथियारों की खरीद करने वाले राष्ट्रों पर प्रतिबंध लगाने का कानून बना रखा है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत की रक्षा खरीद नीति किसी दूसरे देश से प्रभावित नहीं होती है।