राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा बास्ती में फूड पाइजनिंग मामले से खुली स्वास्थ्य सेवाओं की पोल

Newsdesk Uttranews
4 Min Read

अल्मोड़ा। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने यहा आयोजित प्रेस वार्ता में बागेश्वर फूड प्वाइजनिंग मामले के बाद के हालात को गंभीर बताया। बागेश्वर के बास्ती गांव सहित बागेश्वर, कपकोट, और बेरीनाग में मरीजो से मिलने के बाद अल्मोड़ा में यह बात श्री टम्टा ने कही।

स्थानीय शिखर होटल में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए उन्होने कहा कि फूड प्वाइजनिंग की घटना से प्रदेश सरकार को सबक लेना चाहिये और अब इससे निपटने के लिये कारगर कदम सरकार को उठाने चाहियेे। उन्होने कहा कि वैसे ही यह राज्य आपदा की मार झेल रहा है और अब बागेश्वर में इतनी भारी संख्या में लोगों के फूड प्वाइजनिंग के शिकार होने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। और इस पर भी खराब स्वास्थ्य सेवाओं ने ज्यादा किरकिरी करा दी। उन्होने आरोप लगाया कि सरकारी मशीनरी इस पूरे मामले में राहत कार्य करने में नाकारा साबित हुई है। यह बागेश्वर में फूड प्वाइजनिंग से अस्पतालों में भर्ती मरीजों से मिलने के बाद अल्मोड़ा पहुंचे। बास्ती में घटित घटना स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का नमूना है। कहा कि प्रदेश वैसे भी आपदा से ग्रस्त है लेकिन बास्ती में हुई स्वास्थ्य आपदा ने बहुत सी चीजों की पोल खोल दी है। कहा कि बेरीनाग अस्पतला में 29 नवंबर को इस घटना के बाद बेरीनाग सीएचसी में जहां 12 बैंड है वहा प्रभावितों के इलाज में काफी दिक्कते आयी जबकि वहां बड़ी संख्या में फूड प्वाइजिनिंग के मरीज पहुंचे थे।

उन्होने मांग की कि सरकार को बास्ती की घटना के बाद इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिये कारगर कदम उठाने चाहिए। कहा कि पूरे स्वास्थ्य महकमें में सुधार की आवश्यकता है और सभी अस्पतालों व जिला चिकित्सालयों में आपदा से निपटने के लिए सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रहनी चाहिये। उन्होने इस तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिये दोनो मंडलों में एक एक एयर एंबुलेस हर समय तैयार रखने की मांग की। कहा कि यदि पहले से ही इस तरह की व्यवस्था होती तो तीन लोगों को असमय मौत का सामना नही करना पड़ता।

श्री टम्टा ने इस कांड में मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की। उन्होने निराशा प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान में अल्मोड़ा के जिला चिकित्सालय और बेस चिकित्सालय में फिजीशियन तक तैनात नही और कई चिकित्सकों के पद रिक्त चल रहे है । और लंबे समय से सीटी स्कैन मशीन खराब है। उन्होने कहा कि सुशीला तिवारी अस्पताल की स्थिति भी ऐसी ही है। उन्होने बास्ती प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरी सरकार ही संवेदनहीन लोगों के हाथों में है और उनसे कोई उम्मीद नही की जा सकती। पूर्व विधायक मनोज तिवारी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पांडे, नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला, पीसीसी सदस्य मोहन सिंह सिंग्वाल, प्रमोद कुमार, तारा चंद्र जोशी आदि प्रेस वार्ता में मौजूद रहे।

adbanner