हिरदा उत्तराखंडी(Hrida Uttarakhandi) का सांस्कृतिक विरासतों (cultural heritage)पर आया नया गीत

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New song on cultural heritage of Hrida Uttarakhandi

अल्मोड़ा, 16 सितंबर 2022- जाने माने कुमाऊंनी गायक हीरा सिंह धर्मसक्तू (Hrida Uttarakhandi)ने अपने नए गीत छोलिया को बाज के साथ संगीत प्रेमियों के बीच उतरे हैं।

कटारमल गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान में कार्यरत कार्यालय अधीक्षक हीरा सिंह धर्मसक्तू(Hrida Uttarakhandi) का यह पांचवा लोकप्रिय गीत है।

Hrida Uttarakhandi
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हालांकि पहाड़ के पलायन, भोजन, ग्रामीण जीवन, आदि पर वे दर्जन से अधिक गीतों की स्वयं रचना कर चुके हैं। स्वरचित गीतों को धुन देना और गाना उनका शौक रहा है।

मधुर आवाज की धनी ममता आर्या के साथ उन्होंने नंदा स्टूडियों में अपना यह गीत तैयार कर यू ट्यूब पर डाला है। जल्द ही वे सभी गीतों की संयुक्त एलबम निकालने की योजना बना रहे हैं। नए गीत में हीरा सिंह ने पहाड़ की संस्कृति, लोक वाद्य्यों आदि के महत्व को उकेरने का प्रयास किया है और उन्हें संरक्षित कर पहाड़ी संस्कृति पर स्वाभिमान करने का संदेश दिया है।

छोलिया को बाज गीत अवश्य विवाह उत्सवों में लोगों को झूमने को मजबूर करेगा। गीत की धुन अत्यधिक कर्णप्रिय है और संगीत भी मधुर हैं। पहाड़ी विवाह के बिम्बों को उकेरता यह गीत लगातार संगीतप्रेमियों की जुबान पर चढ़ रहा है। हिरदा के प्रशंसकों ने उन्हें इस गीत के लिए बधाईयां दी है। ला दे रे ला दे लौंडा छोलिया को बाज , गीत को नंदकिशोर पाण्डे ने संगीत दिया है।